मुस्लिम परिवार के 18 लोगों ने बदला अपना धर्म, हिंदू बनने के लिए गौ मूत्र से स्नान करके पहना जनेऊ

इन दिनों मध्य प्रदेश काफी ज्यादा सुर्खियों का विषय बना हुआ है. दरअसल, इसके पीछे की वजह धर्मांतरण है. यहां पिछले 15 दिनों के अंदर धर्म परिवर्तन को लेकर दूसरा बड़ा मामला सामने आ रहा है. मध्य प्रदेश में मुस्लिम परिवारों ने धर्म परिवर्तन कर हिंदू धर्म अपनाया है. जिसके चलते इन दिनों मध्य प्रदेश खूब चर्चा का विषय बना हुआ है. इस बार एक ही परिवार के 18 सदस्यों ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया है. परिवार के मुखिया जिनका नाम मोहम्मद हुआ करता था अब वह राम सिंह बन गए हैं. आप सभी लोगों को बताते हैं कि दरअसल यह पूरा मामला क्या है.

जानकारी के लिए आप सभी लोगों को बता दें कि मध्य प्रदेश के भीमा नाथ मंदिर में शिव पुराण की अंतिम आहुति के साथ ही मंदिर के पुरोहित स्वामी आनंद गिरि महाराज ने 9 जून को हिंदू धर्म धारण करने वाले सभी लोगों को गोमूत्र और गोबर से स्नान करवा जनेऊ धारण करवाया है. पहले इन सभी लोगों से एक शपथ पत्र लिया गया था जिसमें लिखा गया था कि यह अपनी मर्जी से सनातन धर्म में आस्था रखते हुए अपना धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. धर्म बदलने के लिए किसी ने भी किसी प्रकार का दवाब उन लोगों पर नहीं डाला है. बता दे की इससे पहले इस परिवार के मुखिया कई बार आनंद गिरि महाराज के पास जाकर धर्म बदलने की बात कह चुके थे. गौरतलब है कि इस से 13 दिन पहले मंदसौर गांव के शेख जफर ने अपना इस्लाम धर्म परिवर्तित कर हिंदू अपनाया था. सनातन धर्म धारण करने के बाद जफर चेतन सिंह राजपूत के नाम से जाने जाते हैं. और इनकी पत्नी पहले ही हिंदू धर्म से ताल्लुक रखती है. जफर ने भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में। इस्लामी धर्म छोड़ सनातन धर्म अपनाया था.

परिवार और रिश्तेदारों समेत किया धर्म परिवर्तन

शादी के लिए बता दें कि 55 साल के मोहम्मद शाह गांव गांव में घूमकर जड़ी-बूटियों और ताबीज बेचा करते थे. लेकिन अब उन्होंने इस्लामी धर्म छोड़ सनातन धर्म को अपना लिया है. वह अकेले नहीं है जिन्होंने धर्म बदला है उनके साथ उनके परिवार और रिश्तेदारों ने भी अपना धर्म परिवर्तित किया है. बता दे जब मंदिर के महंत स्वामी गिरिराज महाराज ने उनको धर्म बदलने की अनुमति दे दी तो उन्होंने तुरंत कोर्ट से जाकर एक एफिडेविट बनवा लिया. जिसके बाद स्वामी ने भीमा मंदिर के पास बने कुंड में पूरे परिवार को गोमूत्र और गोबर में स्नान करवाया. फिर उन सभी लोगों को जनेऊ धारण करवाया गया जनेऊ धारण करने के बाद उनसे जय महाकाल जय काली और सनातन धर्म की जय के जयकारे भी लगवाए गए.

मोहम्मद साहब ने राम सिंह का कहना है कि उनका परिवार पहले बोधिधर्म से ताल्लुक रखता था और पुंगी बजाने का काम किया करता था लेकिन बाद में वह काम की तलाश में जड़ी बूटियां बेचने लगे और उन्होंने इस्लामी धर्म अपना लिया. लेकिन जब से उन्होंने इस गांव में रहना शुरू किया तो उनकी हिंदू धर्म में रुचि बढ़ गई और वह गांव में शिवपुराण की कथा सुनने लगे. जिसके बाद उन्होंने स्वामी जी को अपना धर्म परिवर्तन करने की बात कही. और अब राम सिंह ने अपनी परिवार और रिश्तेदारों के साथ इस्लामी धर्म छोड़ सनातन धर्म को अपना लिया है.