नवरात्रि के आखिरी दिनों में जरूर करें कन्या पूजन, जानिए सही तरीका और नियम, इन बातों का जरूर रखें ध्यान
जैसा कि हम यह बात भली-भांति जानते हैं कि नवरात्रि का त्योहार भारत में बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि 9 दिनों का एक बड़ा त्यौहार होता है, जिसमें देवी दुर्गा की पूजा अर्चना उत्सव के साथ की जाती है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की 9 दिन तक अलग-अलग पूजा की जाती है। ऐसा बताया जाता है कि अगर सच्चे मन से माता रानी की पूजा अर्चना की जाए तो इससे मां दुर्गा का आशीर्वाद भक्तों के ऊपर बना रहता है और जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
मां दुर्गा की आराधना के पर्व नवरात्रि के समापन पर अंतिम 2 दिनों में कन्याओं की पूजा की जाती है। नवरात्रि में कन्याओं का पूजन करने और उन्हें भोजन कराने का बहुत महत्व माना गया है क्योंकि छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का ही रूप माना जाता है। जो लोग नवरात्रि का व्रत कर रहे हैं और जिनके घरों में घट स्थापना हुई है उन लोगों को कन्या पूजन अवश्य करना चाहिए।
कन्या पूजन के लिए सबसे अच्छा दिन नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि मानी जाती है यानी इस वर्ष कन्या पूजन करने और उन्हें भोजन कराने के लिए 13 अक्टूबर और 14 अक्टूबर का दिन सर्वश्रेष्ठ साबित होगा। अगर आप कन्या पूजन कर रहे हैं तो ऐसी स्थिति में सही तरीका और नियमों के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कन्या पूजन में आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
कन्या पूजन-भोजन में इन बातों का ध्यान जरूर रखें
1. जो भक्त कन्या पूजन कर रहे हैं उनको इस बात का ध्यान रखना होगा कि कन्या पूजन के दिन सुबह के समय स्नान करने के पश्चात साफ-सुथरे कपड़े धारण कर लें और मां दुर्गा की पूजा कीजिए।
2. अब आप घर पर कन्या पूजन और भोजन करने की तैयारी कीजिए। आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप जो भी भोजन बनाएंगे उसमें भूलकर भी लहसुन-प्याज का इस्तेमाल ना करें। आमतौर पर कन्याओं को पूरी, हलवा, खीर और चने की सब्जी खिलाई जाती है।
3. अगर आप कन्या पूजन कर रहे हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि कितनी उम्र की कन्याओं को आमंत्रित करना चाहिए। आपको बता दें कि आप कन्या पूजन करने के लिए 2 साल से लेकर 10 साल तक 9 बच्चियों को अपने घर पर आमंत्रित कीजिए। आप सामर्थ्य अनुसार इसकी संख्या कम या ज्यादा भी कर सकते हैं।
4. जब आपके घर कन्याएं आ जाएं तो आप सबसे पहले उनके पैर धुलाएं। इसके बाद आप आसन बिछाकर उसके ऊपर कन्याओं को बैठा दीजिए। इसके बाद आप टीका लगाएं और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लीजिए।
5. अब आप कन्याओं को भोजन परोसें।
6. भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्य के अनुसार भेंट जरूर दीजिए। आप भेंट के रूप में गेहूं, पैसा या कोई और सामान भी दे सकते हैं।
7. आप कन्या भोजन में एक लड़के को अवश्य बुलाएं। ऐसा कहा जाता है कि बालक भैरव बाबा का रूप होता है। इसलिए कन्याओं के साथ लड़के को बुलाना ना भूलें।
उपरोक्त आपको कन्या पूजन के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके बारे में जानकारी दी गई है। इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित है।