‘नदिया के पार’ की चुलबुली गुंजा अब दिखती है ऐसी, फ़ोटोज़ देख कर आप भी पहचान नहीं पाएंगे
1882 में आई फिल्म ‘नदिया के पार’ आपको जरूर याद होगी. उस फिल्म के चुलबले किरदार को निभाने वाली गुंजा को भी आप जानते होंगे. दरअसल 80 के दशक की फिल्म की ये चुलबुली किरदार आज भी युवा पीढ़ी को गुदगुदाती है. हालांकि इस दमदार किरदार को बेहतर तरीके से निभाने वाली साधना सिंह फिलहाल लाइम लाइट से काफी दूर हैं. साधना सोशल मीडिया पर भी कभी कभार ही नजर आती हैं.
बता दें घर परिवार में पूरी तरह घुल मिल चुकीं साधना ने एक झटके में ग्लैमर की दुनिया को टाटा बाय बाय कह दिया था. यूपी के छोटे से गांव में फिल्माई गई इस दमदार मूवी के किरदारों के अंदाज ने लोगों को अपना दीवाना बना लिया था. और आज भी लोग इस मूवी को खूब पसंद करते हैं.
मूवी में गुंजा का किरदार निभाने वाली साधना सिंह ने कभी एक्ट्रेस बनने की सोची भी नहीं थी. गांव में चल रहे एक फिल्म की शूटिंग देखने साधना अपनी बहन के साथ गई हुई थीं. तभी उनपर नजर पड़ी मशहूर निर्माता निर्देशक सूरज बरजात्या की. वहीं से इनका एक्ट्रेस वाला जीवन शुरू हुआ.
दरअसल कानपुर के एक छोटे से गांव नोनहा नरसिंह की साधना को तब इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि उनका जीवन किस ओर करवट ले रहा है. जब ‘नदिया के पार’ रिलीज हुई तो गुंजा के किरदार की खूब तारीफ हुई. उनकी एक्टिंग के लोग कायल हो गए.
बता दें ब्लॉकबस्टर फिल्म की अहम किरदार गुंजा पूरी तरह साधना सिंह के व्यवक्तित्व में रच बस गई थी. वो जिधर भी जातीं लोग उन्हें गुंजा ही कहकर बुलाते थे. हालाँकि अब वे सेलेब्रिटी बन चुकी थीं. इसके बाद साधना ने कुछ चुनिंदा फिल्मों के ऑफर स्वीकार किए फिर जल्दी ही उन्होंने बॉलीवुड को अलविदा भी कह दिया था.
दरअसल गुंजा बताती हैं कि जब नदिया के पार फिल्म की शूटिंग खत्म हुई तो गांव वाले बेहद भावुक हो गए थे. फिल्म यूनिट से उनका करीबी नाता हो गया था. 1 जनवरी 1982 को रिलीज ‘नदिया के पार’ हिंदी सिनेमा में मील का पत्थर साबित हुई थी.
बता दें साधना ने नदिया के पार के अलावा ‘पिया मिलन’, ‘ससुराल’, ‘फलक’, ‘पापी संसार’ जैसी कुछ फिल्में की हैं. बाकी फिल्मे वैसा कमाल नहीं कर सकी. फिर साधना ने फिल्मी दुनिया को अलविदा कह दिया. और बाॅलीवुड तथा लाइम लाइट से दूर चली गई.