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अष्टमी पर झाड़ियों में पड़ी मिली मासूम बच्ची, लोगों ने बताया मां दुर्गा का अवतार, गोद लेने के लिए दौड़े लोग

शारदीय नवरात्रि चल रहे हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। नवरात्रि में कन्या पूजन को भी अत्यंत शुभ माना जाता है। अष्टमी पर घरों में छोटी-छोटी कन्याओं की पूजा की जाती है। नवरात्रि की अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी का पूजन किया जाता है। मां दुर्गा का महागौरी स्वरूप भक्तों की सभी मनोकामनाएं को पूरा करता है। इसी वजह से अष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष रूप से पूजा की जाती है।

इस दिन कन्या पूजन करने की भी परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि कन्या पूजन करने से मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद मिलता है। वहीं उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में नवरात्रि की अष्टमी की सुबह एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे जानकर और देख कर आपकी भी आंखें नम हो जाएंगी।

दरअसल, यहां पर कोई अपनी नवजात बच्ची को खेत की झाड़ियों में फेंक कर भाग गया, जिसके बाद रास्ते से गुजर रही बुजुर्ग महिला को जब रोने की आवाज सुनाई दी तो उसने झाड़ियों में देखा। बुजुर्ग महिला ने झाड़ियों में देखा कि कपड़े में एक भूखी प्यासी मासूम सी बच्ची है।

हर किसी की आंखे भर आईं

जिसके बाद महिला तुरंत उस बच्ची के पास गई और उस मासूम बच्ची को झाड़ियों से बाहर निकाल लाई और इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट करवा दिया। जिस प्रकार से बच्ची तड़प रही थी, उसे देखने के बाद हर किसी की आंखों में आंसू आ गए। दरअसल, आज हम आपको जिस घटना के बारे में बता रहे हैं यह राठ कोतवाली क्षेत्र के नवैनी गांव की है। जब मासूम के झाड़ियों में मिलने की खबर गांव में फैली, तो इस घटना को लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चाएं होनी शुरू हो गईं।

ग्रामीण बच्ची को देवी का अवतार मान रहे

वहीं गांव वाले बच्ची को मां दुर्गा का अवतार मान रहे हैं। उनका कहना है कि मां की विशेष कृपा से ही बच्ची की जान बच पाई है। उच्चीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राठ के अधीक्षक अखिलेश कुमार के द्वारा ऐसा बताया गया है कि नवजात बच्ची मिलने और उसके अस्पताल में भर्ती होने की सूचना स्थानीय पुलिस को दे दी गई है। इस मासूम बच्ची को अस्पताल में बहुत से लोग पहुंच कर गोद में खिला रहे हैं।

जिला प्रोबेशन अधिकारी राजीव सिंह के द्वारा ऐसा बताया गया कि इस बच्ची को कई लोग गोद लेना चाहते हैं, पर उन्होंने बाल संरक्षण इकाई को सूचना दे दी है। जल्दी ही बाल संरक्षण इकाई अस्पताल पहुंचकर नवजात बच्चे को अपने संरक्षण में लेकर उसका इलाज करवाने के बाद गोद देने की कार्यवाही पर विचार करेगी।

फिलहाल झाड़ियों में मासूम बच्ची की जानकारी मिलने पर गांव में इसकी चर्चाएं हो रही हैं। अस्पताल में लोग पहुंचकर इस बच्ची को अपनी गोद में खिला रहे हैं। गांव वालों का ऐसा मानना है कि यह बच्ची देवी का अवतार है। गांव की रहने वाली महिलाओं का कहना है कि देवी मां की कृपा से बच्चे की जान बची। जो भी इस मामले के बारे में जान रहा है, उसकी आंखें नम हो जा रही हैं।

 

 

 

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