राजस्थान के दौसा शहर से एक बार फिर से सबको हैरान कर देने वाली घटना सामने आ रही है दरअसल यहां पर एक पांचवी क्लास में पढ़ रही छात्रा कलेक्टर बन चुकी है. इस छात्रा का नाम नव्या अवस्थी है. नव्या को 1 दिन के लिए कलेक्टर घोषित किया गया है कलेक्टर के पद पर बैठने के बाद नव्या ने अपने स्कूल के लिए कुछ आदेश भी जारी किए. इस आदेश के मुताबिक नव्या के स्कूल में अब एक लाइब्रेरी बनने जा रही है. दरअसल स्कूल में छात्रों की शिक्षा को बढ़ावा और प्रोत्साहन देने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से ‘काउंसलिंग बाय कलेक्टर’ नामक एक प्रोग्राम का आयोजन किया गया था. इसी कार्यक्रम में शामिल पांचवी क्लास की छात्रा नव्या अवस्थी ने कलेक्टर से सवाल किया कि वह लड़कियों के बारे में क्या सोचते हैं. उसके इस सवाल को कलेक्टर ने सराहा आया और उसको 1 दिन के लिए कलेक्टर पद पर बिठा दिया.
गौरतलब है कि कलेक्टर के पद पर बिठाने के बाद नव्या को कुछ फैसले लेने की छूट भी दी गई. इसी दौरान एक दिन के लिए कलेक्टर बनी पांचवी क्लास की छात्रा ने अपने स्कूल में एक लाइब्रेरी का निर्माण करने की बात कही. जिसके बाद ही स्कूल में लाइब्रेरी बनाने के आदेश जारी कर दिए गए. स्कूल की परीक्षाएं नजदीक है और ऐसे में बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए डीएम ने दोसा में काउंसलिंग बाय कलेक्टर नाम का एक प्रोग्राम आयोजित किया था. इस कार्यक्रम के दौरान दोसा की बेटियों ने खुलकर शहर के डीएम से बातचीत की. इस दौरान चाहे बेटियों के घर की निजी समस्या हो या फिर बालिकाओं की परसनल समस्याएं हो सभी पहलुओं पर लड़कियों ने जमकर अपने विचार प्रकट किए.
दोसा के डीएम जमान कमर उल जमान चौधरी द्वारा आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में सभी विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए 50 से अधिक स्कूल की लड़कियां पहुंची हुई थी. इस कार्यक्रम में कक्षा पांचवी से लेकर कक्षा 12वीं तक की छात्राएं हिस्सा लेने के लिए पहुंची हुई थी और उन्होंने कलेक्टर से कुछ सवाल भी किए. काउंसलिंग बाय कलेक्टर नाम के इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कलेक्टर के अलावा शहर के आईआरएस अधिकारी फराह हुसैन, डॉ. रितु शर्मा, सहायक कलेक्टर मनीषा मीणा, जीएम उद्योग शिल्पा गोखरू मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थे. इस कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने विभिन्न क्षेत्रों पर सवाल किए जिसके जवाब कलेक्टर सहित उसकी सारी टीम ने दिए. बेटियों ने कलेक्टर से यह भी सवाल किया कि वह कलेक्टर के पद तक कैसे पहुंची, उन्होंने किन किन संकटों का सामना किया, उनके परिवार ने उनका साथ दिया कि नहीं, डर को कैसे दूर करें, अपनी पढ़ाई की ओर ध्यान कैसे केंद्रित करें, स्कूल में पढ़ाई का माहौल कैसे बनाएं महामारी के दौरान स्कूल में सुविधा कैसे उपलब्ध कराए इन सभी मुद्दों पर छात्राओं ने खुलकर बात की.
जानकारी के लिए बता दें दौसा के कलेक्टर ने इन सभी मुद्दों पर एक-एक कर जवाब दिया और सब कुछ ठीक करने का आश्वासन भी दिया. साथ में उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि जीवन में कुछ भी करने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि कभी रूठना मत और अपने में और कॉन्फिडेंस को कभी मत आने देना कुछ और सीखने की जिज्ञासा अपने अंदर जगाए रखना. तो 1 दिन सफलता को अवश्य हासिल कर लोगे.