बेटी ईशा की इस बात ने माँ नीता अंबानी को कर दिया था सोचने पर मजबूर, बोली- बच्चे जो देखते हैं वहीँ सीखते हैं…
एशिया के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी से तो आप जरूर परिचित होंगे. सिर्फ अपने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मुकेश अंबानी के चर्चे होते हैं. मुकेश अंबानी की बिजनेस स्किल्स के सामने दुनिया भर के लोग कान खुजाते नजर आते हैं. आपको मालूम हो मुकेश अंबानी एशिया के सबसे धनी व्यक्ति बन चुके हैं. और तो और मुकेश अंबानी पूरी दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों की लिस्ट में चौथे स्थान पर आते हैं.
मुकेश अंबानी वैसे तो अपने काम और इंडस्ट्रीज के चलते अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं लेकिन वह अपनी पर्सनल लाइफ और फैमिली की वजह से भी अक्सर सुर्खियों आते रहते हैं. हालाँकि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और नीता अंबानी भले एशिया के सबसे अमीर शख्स हों लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को डाउन टू अर्थ रहने की सीख दी है. ऐसा खुद मुकेश और नीता अंबानी कई इंटरव्यू में बता चुके हैं. नीता अंबानी का मानना है कि बच्चे जो देखते हैं वहीं सीखते हैं. इसीलिए उन्होंने अपने बच्चों को हमेशा सद व्यवहार और अच्छी सीख देने की कोशिश की है.
आपको बता दें कि हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में नीता अंबानी ने खुद बताया था कि, “मैं डॉक्टर को जोकि मेरा ट्रीटमेंट करते हैं उन्हें थैंक यू के नोट्स भेजती हूं. अभी कुछ दिनों पहले मेरे दांतों में कुछ दिक्कत थी तो मैंने डॉक्टर को बुलाया था. नीता अंबानी ने आगे बताते हुए कहा कि जब डॉक्टर मेरे चेकअप के लिए आईं तो उनके पास एक थैंक यू नोट था जो ईशा अंबानी ने उन्हें लिखा था और डाॅक्टर ने वह नोट आ कर मुझे दिखाया था.”
आगे बोलते हुए नीता अंबानी ने बताया था कि, “ईशा का वह नोट देखकर मैं हैरान रह गई और उस दिन से मैं यह मानने लग गई कि बच्चे जैसा देखते हैं वैसा ही सीखते हैं. और मुझे बेहद प्राउड फील हुआ जब मैंने ईशा का वह थैंक यू नोट देखा.” नीता को इस बात का एहसास खुद ब खुद हो गया कि जो चीजें उन्होंने बचपन से अपने बच्चों को सिखाई थी, उनके बच्चों ने उन बातों को सीख कर अपने जीवन में उतार भी लिया है.
अपनी पूरी बात बताते हुए नीता अंबानी कहती हैं कि, “मैंने और मुकेश ने हमेशा बच्चों को ये महसूस कराने की कोशिश की है उन्हें अपने लिए लग्जरी कमानी होगी. उन्हें खुद को सभी के प्रति अच्छा बनाना होगा. किसी तरह का गलत काम या अपने अंदर किसी तरह का अहंकार नहीं लाना है.” दरअसल नीता कई इंटरव्यू में बता चुकी हैं कि कैसे उन्होंने बच्चों की परवरिश में मिडिल क्लास वैल्यू को ध्यान में रखा है. वह स्कूल में अपने बेटों को बतौर पॉकेटमनी 5 रुपए दिया करती थीं. और समय समय पर मोरल चीजें बताती रही हैं. यही वजह है कि आज नीता अंबानी कहती है कि बच्चे जो देखते हैं वही सीखते हैं.