अब माँ और बच्चे को एकसाथ अंदर सुलाएगी ट्रेन, लोगों ने रेलवे की इस नई सुविधा को लेकर खड़े किए सवाल
रेलवे विभाग लोगों की तकलीफों को समझते हुए आए दिन नई नई सुविधाएं लेकर आ रहा है. वहीं पिछले दिनों मदर्स डे के खास मौके पर भी भारतीय रेलवे ने कुछ ऐसा ही फैसला लिया है और एक नई सुविधा देने की पहल की है. दरअसल रेलवे विभाग ने महिलाओं के लिए इस बार कुछ अलग सोच कर दिखाया है. इस सुविधा के चलते जिन महिलाओं के बच्चे छोटे हैं उनके लिए लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली लखनऊ मेल ट्रेन में थर्ड एसी का पूरा कोच डेडीकेट किया गया है. इस कोच में महिलाओं के लिए एक बेबी सीट को भी खासतौर पर अटैच किया गया है जिसकी मदद से महिलाएं अब अपने बच्चों को अपने साथ ही ट्रेन की सीट पर सुला पाएंगी. इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को बेबी सीट का चुनाव रिजर्वेशन कराते समय ही करना पड़ेगा इसके बाद उपलब्धता के आधार पर आपको आपके साथ बेबी सीट अवश्य ही मिल जाएगी.
दरअसल रेलवे विभाग ने मदर्स डे के मौके पर मां और बच्चे की दुविधा को समझते हुए मां के साथ ही बच्चे की अलग से सीट बना दी है. इसे जरूरत पड़ने पर नीचे की ओर भी मोड़ा जा सकता है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रेलवे विभाग के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर कई लोग अब विरोध भी जता रहे हैं. इस बारे में जानकारी देते हुए आईआरटीएस अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि, ‘बेबी बर्थ सेवा की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के आधार पर दिल्ली मंडल ने कुछ चुनिंदा ट्रेनों में बच्चों के साथ माँओं के सोने की सुविधा के लिए बेबी बर्थ की सुविधा को शुरू किया है. उन्होंने आगे बताया कि अश्वनी वैष्णव सर और माननीय दर्शना जरदोष के नेतृत्व में अब भारतीय रेलवे सर्विस को यह फैसला और भी बेहतर स्तर पर ले जाने वाला है.’
On trial basis Delhi Division has started baby berth in selected trains for facilitating mothers to comfortably sleep along with their babies. IR under the leadership of Hon MoR @AshwiniVaishnaw Sir & Hon MoSR @DarshanaJardosh ma’am is taking Service to another level pic.twitter.com/zQ8pD3V3bd
— Sanjay Kumar IRTS (@Sanjay_IRTS) May 10, 2022
गौरतलब है कि संजय कुमार की इस ट्वीट पर कई लोगों ने बर्थ सर्विस शुरू करने पर उनकी तारीफ की तो वहीं कुछ लोगों ने कई तरह के सवाल भी खड़े किए. एक मां तो बच्चे को हमेशा ही अंदर की तरफ रखती है लेकिन यह एक्स्ट्रा सीट इस उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकते इसके अलावा अन्य यात्रियों को भी से परेशानी आएगी. एक दूसरे यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा कि एक बात ध्यान देने वाली है कि कभी भी एक मां अपने बच्चे को बाहर की तरफ नहीं सुलाती है. इन ट्वीट्स को देखते हुए आईआरटीएस अधिकारी संजय कुमार ने भी सहमति जताई और लिखा कि वह पूरी तरह से इस बात से सहमत हैं कि बच्चे को मां हमेशा अंदर ही रखेगी क्योंकि जब बच्चा दाईं और होगा तो मां एक्स्ट्रा स्पेस का इस्तेमाल कर सकेगी. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि हम मां के लिए एक्स्ट्रा स्पेस बनाने के लिए आगे और भी काम करें जिससे मां अपने बच्चे को आराम से रख पाए.
जानकारी के लिए बता दें कि रेलवे की इस नई सुविधा में साधारण भारत के साथ एक छोटी बर्थ को अटैच किया गया है जिसे हम फोल्ड भी कर सकते हैं. इस बर्थ की एक खासियत यह भी है कि इसमें एक छोटा हैंडल और साइड में रोड भी लगाई गई है जो कि बच्चे की पूरी तरह से चलती ट्रेन में सुरक्षा करेगी ताकि बच्चा गिर ना जाए. इसके अलावा मां भी तकिया लगा कर बच्चे को उस बर्थ पर आराम से सुला सकती हैं.