जब नसीरूदीन करना चाहते थे हिंदू लड़की रत्ना पाठक से शादी, तब माँ ने पुछा था- क्या वो धर्म परिवर्तन कबूल करेगी?

बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उन्होंने एक से बढ़ कर एक फिल्मों में काम किया है. नसीरुद्दीन शाह की फ़िल्मी जिंदगी से कहीं ज्यादा उनकी पर्सनल लाइफ दिलचस्प रही है. उन्होंने दो बार शादी की थी. उनकी पत्नी रत्ना से आज भी उनका सबसे अधिक लगाव है. लेकिन उनकी शादी के समय उन्हें कईं कठिनायों का सामना करना पड़ा था. इसका सबसे बड़ा कारण दोनों के धर्म में अंतर होना था. जहां एक तरफ नसीरुद्दीन मुस्लिम थे तो वहीँ रत्ना मुस्लिम थी. शादी से पहले उनकी मां ने रत्ना पाठक से शादी के लिए कभी न तो नहीं कही थीं, लेकिन उन्होंने नसीर से पूछा था कि वह क्या रत्ना धर्म परिवर्तन करेगी? तब नसीर ने जानिए क्या जवाब दिया था, चलिए नसीरुद्दीन शाह की आत्मकथा ‘और फिर एक दिन’ से जानें.

नसीर, की आत्मकथा में लिखित अनुसार वह रत्ना पाठक से शादी करने से पहले तलकाशुदा और एक बेटी हीबा के पिता थे. यह जानते हुए भी रत्ना उन्हें अपना पति चुन रही थीं. नसीर ने अपनी आत्मकथा में बताया है कि उनकी पहली पत्नी परवीन मुराद के साथ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ने के दौरान उनका अफेयर शुरू हुआ था. परवीन पाकिस्तानी थीं और स्टूडेंट विजा पर इंडिया आई थीं और जब उनका स्टूडेंट वीजा खत्म होने लगा तो उनको भारत छोड़ने की नोटिस मिल गई.नसीर बताते हैं कि परवीन भारत छोड़कर नहीं जाना चाहती थीं और वह परवीन को खुद से दूर नहीं करना चाहते थे और भारत में रोकने का एक ही रास्ता था, उनसे शादी करना नसीर ने बताया था कि अपनी मोहब्बत को भारत में रोकने के लिए उनसे शादी करने का फ़ैसला कर लिया था, लेकिन बाद में ये शादी चल नहीं सकी और हम दोनो अलग हो गए इस शादी से इन दोनो की एक बेटी है हिबा.

इसके बाद नसीरुद्दीन और रत्ना की मुलाकात सत्यदेव दुबे के प्ले ‘संभोग से संन्यास तक’ के दौरान हुई. इस प्ले के रिहर्सल के दौरान दोनों पहली बार मिले. रत्ना ने मुलाकात के बारे में खुद इंटरव्यू के दौरान बताया था. उन्होंने कहा था, ‘सत्यमेव दुबे ने हमें मिलवाया था और उस वक्त हमारे मन में एक-दूसरे के लुए कुछ नहीं था. मैं तो इनका सही से नाम भी नहीं जानती थी. पहले दिन सिर्फ मीटिंग हुई. दूसरे दिन हम दोस्त बने और फिर साथ घूमना शुरू कर दिया.’

नसीरुद्दीन जब रत्ना पाठक शाह से शादी करने वाले थे तब उनकी मां ने उनसे पूछा था कि क्या तुम अपनी होने वाली पत्नी का धर्म बदलोगे? तब नसीरुद्दीन ने उन्हें सीधा मना कर दिया था. नसीरुद्दीन ने कहा था कि भले ही उनकी मां पढ़ी-लिखी नहीं थीं, लेकिन वह भी धर्म बदलने के खिलाफ हमेशा से रही हैं. उन्होंने कहा था, ‘मेरी मां रूढ़िवादी परिवार से थीं, वह पढ़ी-लिखी नहीं थीं, दिन में 5 बार नमाज पढ़ती थीं और उन्होंने जिंदगी भर रोजा रखा. वह कहती थीं, जो चीजें आपको बचपन में सिखाई गई हैं, वो कैसे बदल सकता है? किसी का धर्म बदलना सही नहीं है.’

नसीर ने कहा कि तब उन्होंने अपनी अम्मी से साफ कहा था कि वह रत्ना को इस्लाम क़ुबूल करने को बिल्कुल नहीं बोलेंगे. उनके जवाब से उनकी मां काफी देर तक सिर हिलाती रहीं और बाद में उन्होंने खुलकर तो नहीं लेकिन मौन सहमति की दे दी थी.नसीर ने बताया था कि दोनों अपनी शादी बेहद अनोखे तरीके से की थी. न निकाह पढ़ी गई थी न सात फेरे लिए गए थे. नसीरुद्दीन ने कहा था, ‘हमने अपने बच्चों को हर धर्म के बारे में बताया है, लेकिन हमने कभी ये नहीं बताया कि उनका क्या धर्म है. मुझे लगता है कि धर्म को लेकर जो अंतर है वो जल्द ही ठीक हो जाएगा. मुझे लगता है कि मेरी शादी जो हिंदु महिला से हुई वो सभी के लिए बेस्ट उदाहरण है.’ नसीरुद्दीन शाह की प्रोफेशनल लाइफ की बात करें तो वह लास्ट फिल्म मी रकसम में नजर आए थे जो जी5 की फिल्म थी. इसके अलावा वह वेब शो बंदिश बैंडिट्स में नजर आए थे.