90 दिन की सख्त ट्रेनिंग के बाद चुना जाता है ‘ब्लैक कैट कमांडो’, जानिए कितनी होती है NSG की सैलरी?
फौज के जवानों के बजाय वीआईपी लोगों की सिक्योरिटी में ‘ब्लैक कैट कमांडो’ को तैनात किया जाता हैं. दरअसल अपनी ब्लैक रंग के ड्रेस में ये कमांडो काफी बोल्ड दिखाई देते हैं. कहा जाता है कि ये देश के चुने हुए बेस्ट जवान होते हैं, जो मुश्किल से मुश्किल समय में भी लोगों की जान बचा लेते हैं. वहीं 26/11 के आंतकी हमले में भी इन्हीं जवानों ने सबसे आखिर में मोर्चा संभाल लिया था. और इस तरह किसी भी युवा के दिल में ब्लैक कैट कमांडो बनने का सपना पनप सकता है. परंतु यह कोई बच्चों का खेल नहीं होता है. चलिए आपको बताते हैं कि ब्लैक कैट कमांडो यानी NSG फोर्स में कैसे जाया जा सकता है और उन्हें कितना वेतन दिया जाता है?
सेलेक्शन कैसे किया जाता है?
बता दें कि, जिन्हें हम ब्लैक कैट कमांडो के नाम से जानते हैं, वो नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के जवान हैं. दरअसल इस फोर्स को साल 1984 में स्थापित किया गया था, ताकि देश के वीआईपी लोगों की सुरक्षा की जा सके, जिसमें प्रधानमंत्री से लेकर कई अन्य जरूर महत्वपूर्ण लोग हो सकते हैं. अगर इस फोर्स में सिलेक्शन की बात हो, तो कोई सीधी भर्ती की प्रक्रिया नहीं होती है. इसके लिए चुने हुए जवानों का सिलेक्शन आर्मी और अर्ध सैनिक बलों से करते है. लगभग 53 फीसदी चयन इंडियन आर्मी से किया जाता है. 47 फीसदी चयन 4 अर्ध सैनिक बलों यानी सीआरपीएफ (CRPF), आईटीबीपी (ITBP), आरएएफ (RAF) और बीएसएफ (BSF) से करते है.
90 दिन की होती है ट्रेनिंग
सबसे पहले एक परीक्षा होती है. जो कि, एक हफ्ते की कठि ट्रेनिंग है. कहा जाता है कि इसमें 80 फीसदी जवान बाहर हो जाते हैं. सिर्फ 20 प्रतिशत ही अगले चरण में जा पाते हैं. अंतिम राउंड के टेस्ट तक यह संख्या 15 प्रतिशत तक रह जाती है. ये काफी मुश्किल प्रक्रिया है. लास्ट सिलेक्शन के बाद, सबसे कठिन दौर आता है. यह पूरे 90 दिन की ट्रेनिंग रहती है. इस दौरान फिजिकल और मेंटल दोनों की ट्रेनिंग मिलती है. जिन जवानों की योग्यता ट्रेनिंग के शुरुआत में 40 प्रतिशत रहती है, वह अंत में 90 फीसदी तक आ जाती हैं. दरअसल बैटल असाल्ट ऑब्सक्टल कोर्स और सीटीसीसी काउंटर टेररिस्ट कंडिशनिंग कोर्स की भी ट्रेनिंग मिलती है. सबसे अंत में मनोवैज्ञानिक परीक्षा होती है.
कितनी मिलती है सैलरी?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्लैक कमांडो की सैलरी प्रति माह 84 हजार से लेकर 2.5 लाख तक हो सकती है. औसत सैलरी, तो लगभग 1.5 लाख रुपये प्रति माह रहती है. आपको बता दें कि इसके अलावा कई तरह के भत्ते भी दिए जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि सातवें वेतन आयोग के बाद इस भत्ते में काफी बढ़ोत्तरी हो चुकी है.