अगर आप भी सोने के शौकीन है तो यह खबर आपको जाननी ज़रूरी है. जी है अगर आप भी अपना इन्वेस्टमेंट सोना खरीदने में करते है या कलेक्ट करने का शौक रखते है तो देश में आए नए कानून के बारे में जान लीजिए.दरअसल, अगर आपके पास ओल्ड सोना पड़ा है जिसपर किसी तरह की कोई हांलमर्किंग नहीं है तो वह सोना आपके लिए बेकार की चीज़ साबित हो सकता है. आइए जानते हैं क्यों:-
बता दे कि केंद्र सरकार गोल्ड हॉलमार्किंग नियमों को लागू करने जा रही है. इस नियम के तहत सोने के आभूषणों में हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने का फैसला लिया था. अब पूरे देश में 1 जून 2021 से गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जाएगी. आम जनता को यह फायदा होगा कि ज्वेलर्स अब उपभोक्ता को ठग नहीं पाएंगे. इस नए कानून के लागू हो जाने के बाद अब अगर जूलर्स ने आपके साथ धोखा किया तो सख्त कार्रवाई होगी जिसमें जूलर्स को जुर्माना और जेल का भी प्रावधान है.
वहीं इस खबर से पुराने सोने के गहने दबाए बैठे लोगो की चिंता बढ़ गई है. मगर बता दे कि घबराने की कोई बात नहीं है क्यूंकि सरकार ने धील देते हुए इन गहनों को बदलवाने का भी मौका दिया है. पुराने गहनों को बदल कर नए हॉलमार्क के गहने लिए जा सकते है या फिर पुराने गहनों पर हॉलमार्क की जा सकती है. बता दें कि केंद्र सरकार ने इसी साल जनवरी में नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि गोल्ड ज्वेलरी पर अनिवार्य हॉलमार्किंग 15 जनवरी 2021 से लागू होगी, लेकिन इसी साल जुलाई महीने में केंद्र सरकार ने इसको लागू करने की तारीख 1 जून 2021 कर दी थी.
दरअसल हॉलमार्क एक तरह की सरकारी गारंटी है और इसे देश की एकमात्र BIS तय करती है. हॉलमार्क देखकर खरीदने का यह फायदा है कि अगर आप निकट भविष्य में जब भी इसे बेचने जाएंगे तो आपको कम दाम नहीं मिलेंगे, बल्कि आपको सोने का खरा दाम मिलेगा. बयानों के अनुसार 256 जिलों के जोहरियो को 14, 18, 22 कैरेट की ज्वेलरी बेचने की अनाती है वहीं 20, 23, 24 कैरेट के लिए भी हॉलमार्क की अनुमति होगी.
हालांकि इस फैसले को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने ज्वेलर्स को एक साल की समय सीमा दी है. क्योंकि जूलर्स अपना पुराना स्टॉक एक साल में क्लीयर कर लें सकें. देश में हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या को भी बढ़ाया जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक इस समय देश में 900 के आस-पास हॉलमार्किंग केंद्र हैं, जिसे और बढ़ाया जा रहा है ताकि किसी प्रकार की असुविधा ना हो.