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इंसानियत हुई शर्मसार: बेटे का शव देने के लिए अस्पताल ने मांगे 50 हजार रुपए, भीख मांगने को मजबूर हुए माता-पिता

अक्सर देश-दुनिया से कई तरह की खबरें हमें सुनने को मिलती हैं। कुछ खबरें ऐसी होते हैं, जिसे सुनने के बाद हर किसी का दिल खुश हो जाता है परंतु कुछ खबरें ऐसी होती हैं, जो मन को विचलित करती हैं। मानवता को शर्मसार करती हैं।

इस प्रकार के दृश्य और कहानियों को देखने के बाद इंसानियत पर से हमारा भरोसा उठ जाता है। इसी बीच बिहार के समस्तीपुर से एक इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसकी कहानी जानने के बाद आप बेहद दुखी हो जाएंगे।

इतना ही नहीं बल्कि यह दास्ताँ आपको यह सोचने पर मजबूर कर देगी कि दुनिया में आखिर यह क्या हो रहा है? क्या वाकई हम उस दौर में आ गए हैं जहां इंसानियत से ऊपर सब कुछ है। जहां किसी की मृत्यु चंद रुपयों के आगे बौनी हो जाती है, जहां कोई पिता इतना भी मजबूर हो सकता है कि बेटे के शव के लिए उसे भीख मांगने पर मजबूर होना पड़ा।

बेटे के शव के लिए भीख मांग रहा मजबूर पिता

दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह बिहार के समस्तीपुर के सदर अस्पताल का बताया जा रहा है। यह कहानी झकझोर देने वाली इसलिए है क्योंकि माता-पिता अपनी झोली फैलाए भीख मांग रहे हैं। बेटे की जिंदगी के लिए नहीं, बल्कि उसके शव के लिए। शायद आप सभी लोगों को यह सुनकर हैरानी हो रही होगी लेकिन यह बिल्कुल सच है।

यह कहानी सिर्फ बिहार के नहीं, बल्कि सिस्टम की कुव्यवस्था का वह नजारा है, जिसके लिए किसी शहर या जगह की जरूरत नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यहां बीते मंगलवार को सरकारी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद बेटे का शव देने के लिए गरीब माता-पिता से 50 हजार रुपए मांगे गए थे। इतना पैसा परिवार के पास नहीं था, जिसके चलते मजबूरी में मां-बाप को बेटे के शव के बिना ही गांव लौटना पड़ा। इसके बाद गांव में वह अपनी झोली फैलाकर भीख मांगते हुए नजर आए।

शव के बदले अस्पताल ने मांगे 50 हजार रुपए

इस पूरे मामले के विषय में मृत युवक के पिता महेश ठाकुर के द्वारा ऐसा बताया गया कि कुछ दिन पहले उनका बेटा लापता हो गया था जब उनका बेटा कई दिनों के बाद भी घर वापस नहीं आया और उसका कोई अता पता नहीं चल पाया, तो उन्होंने अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करवाई थी। इसके बाद उनके पास जिले के सदर अस्पताल से फोन आया, जिसमें उनसे यह कहा गया कि उनके बेटे की मृत्यु हो चुकी है और उसका शव अस्पताल में पड़ा हुआ है।

जब माता-पिता ने अपने जवान बेटे की मृत्यु की खबर सुनी, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। जवान बेटे की मृत्यु से परिवार में मातम पसर गया। बड़ी मुश्किल से मां-बाप ने होश संभालकर अपने बेटे का शव लेने के लिए अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल के एक कर्मी ने उनके बेटे के शव के बदले उनसे 50 हजार रुपए मांगे।

घर-घर घूमकर लोगों से चंदा और भीख मांगना पड़ा

महेश ठाकुर ने बताया कि वह एक गरीब व्यक्ति हैं। उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपने बेटे के शव को अस्पताल से लेकर आ जाएं। उन्होंने बताया कि शव को अस्पताल से छुड़ाने के लिए उन्होंने लोगों से चंदा और भीख मांगना शुरू कर दिया। महेश और उनकी पत्नी इलाके में घर-घर घूम कर लोगों से पैसे मांगने शुरू कर दिए। बहुत से लोगों ने उनकी सहायता की।

इसके साथ ही कई लोगों ने उनसे पूछा भी, तो उन्होंने बताया कि वह आदतन भिखारी नहीं हैं बल्कि बेटे की लाश अस्पताल से लाने के लिए पैसे जमा कर रहे हैं। वहीं जब यह मामला सामने आया, तो उसके बाद समस्तीपुर सदर अस्पताल के सिविल सर्जन एसके चौधरी ने कहा कि इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने जो दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाने की बात कही।

 

 

 

 

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