हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व माना गया है। पितृ पक्ष के दौरान परिवार के जिन पूर्वजों का निधन हो चुका है उनका पिंडदान, श्राद्ध व तर्पण किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि ऐसे पितर संतुष्ट होते हैं और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इससे प्रसन्न होकर पूर्वज अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि अगर आपके गुजर चुके पूर्वज आपसे नाराज चल रहे हैं, तो आपका काम कभी सफल नहीं हो सकता है।
यही वजह है कि सनातन धर्म में पितृ पक्षको काफी अहम माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध के दिनों में जिन पूर्वजो का देहांत हो चुका है, वह किसी न किसी रूप में धरती पर आते हैं और अपने परिवार के लोगों को आशीर्वाद देते हैं। इस दौरान गुजर चुके पूर्वज के लिए श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है, जिससे वह प्रसन्न हों और वह परिवार के लोगों पर अपनी कृपा बनाए रखें।
जानिए कब से शुरू हो रहे पितृ पक्ष
आपको बता दें कि इस बार पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू हो रहा है और 25 सितंबर तक चलेगा। ऐसे में आपके लिए सेवन से जुड़े नियमों को जानना बहुत जरूरी है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान कुछ चीजों का भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा इसकी वजह से पितर नाराज होकर वापस स्वर्ग लोक में लौट जाते हैं और आपको साल भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो चलिए जानते हैं आखिर पितृ पक्ष में कौन सी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
जमीन में उगने वाली सब्जियों का सेवन न करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान जो सब्जियां जमीन के अंदर उगती हैं, उनका भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए। आप पितृ पक्ष में मूली, अरबी, आलू जैसी सब्जियों को ना खाएं और ना ही इन सब्जियों को पितरों को भोग लगाएं और ना ही ब्राह्मणों को इसका सेवन कराएं। ऐसा माना जाता है कि इसकी वजह से पितर नाराज हो जाते हैं और फिर बिना भोग लगाएं ही वहां से चले जाते हैं।
लहसुन-प्याज ना खाएं
धर्म शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी लहसुन और प्याज जैसे तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए इसके साथ ही अंडे, मांस, शराब, बीड़ी, सिगरेट से भी दूरी बना लें। बता दें सनातन धर्म में लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन माना गया है। इनका सेवन शरीर में गर्मी बढ़ाता है
पितृ पक्ष में चना का सेवन करना माना जाता है वर्जित
पितृ पक्ष के दौरान चने का सेवन करना वर्जित माना जाता है इसी वजह से जब तक श्राद्ध चलता है, तब तक आप भूलकर भी चना का सेवन मत कीजिए। पितरों को भी श्राद्ध में चने की दाल, चने और चने से बना सत्तू का अर्पण करना शुभ नहीं माना गया है। ऐसा करने से पितर नाराज हो जाते हैं।
मसूर की दाल ना खाएं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्राद्ध के दिनों में मसूर की दाल का सेवन करना अशुभ माना जाता है। इसके साथ ही पितृ पक्ष में दाल, चावल, गेहूं जैसे कच्चे अनाज का भी सेवन ना करें। इस अनाज को पकाकर खाया जा सकता है परंतु कच्चा अनाज आप खुद सेवन ना करें और ना ही पितरों को अर्पित कीजिए।