यूपी के कानपुर के उत्तर व्यापारी पीयूष जैन इन दिनों काफी ज्यादा सुर्खियां बटोरते नजर आ रहे हैं. इसका कारण उनके घर पर पड़ी जीएसटी विभाग की छापेमारी है. बता दे इस छापेमारी में पीयूष जैन के पास से 257 करोड रुपए नगद मिले हैं. बता दे कर चोरी के आरोप में पीयूष जैन को गिरफ्तार कर लिया गया है. जयपुर के जीएसटी विभाग के अधिकारी सुरेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि अब पीयूष जैन को कानपुर से अहमदाबाद ले जाया जाएगा.
छापेमारी को लेकर एक अन्य अधिकारी ने भी पुष्टि की है उन्होंने बताया है कि गुरुवार से ही पीयूष जैन के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी करने की कार्यवाही शुरू की जा रही थी. इस छापेमारी के दौरान पियूष के ठिकानों पर 257 करोड रुपए की संपत्ति के साथ सोना और चांदी भी बरामद की गई है. अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि यह नकली रकम कथित तौर पर एक माल ट्रांसपोर्ट द्वारा नक़ली चालान और बिना ई वे बिल के माल भेजने से जुड़ी हुई है.
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार कानपुर के मशहूर इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कन्नौज वाले घर पर जीएसटी विभाग ने छापेमारी की थी. इस छापेमारी के दौरान उनके इस घर से 110 करोड रुपए नगद और 250 किलो सोना तथा 25 किलो चांदी बरामद की गई है. बता दे इस ऑपरेशन को बिग बाजार नाम दिया गया है. कन्नौज और कानपुर में स्थित पीयूष जैन के घरों में छापामारी करने के बाद 185 करोड रुपए मिलने के बाद जब अधिकारियों ने पीयूष जैन से पूछताछ शुरू की. तो पूजा ने किसी और का नाम ना लेकर अधिकारियों को बताया कि यह सब पैसा उनका ही है यह पैसा उन्होंने अपने पुश्तैनी सोने के गहने बेचकर इकट्ठा किया है. लेकिन जब अधिकारियों ने पीयूष जैन से पूछा कि उन्होंने अपने पुश्तैनी गहने कहां बेचे तो इस बात पर पीयूष जाने खामोशी साध ली.
बता दे इतने सारे पैसे मिलने के बाद जब जीएसटी विभाग अधिकारियों ने पीयूष जैन से इतने सारे पैसे आने का स्रोत और पूछा. तो पूजा ने कहा कि वह चाहे तो इस रकम से अपना टैक्स काटकर बाकी की रकम उन्हें वापस कर सकते हैं. लेकिन जब अधिकारियों ने उनसे सवाल किया कि उनके पास इतना सारा पैसा कहां से आया. इस बात का जवाब देते हुए पीयूष जैन ने कहा कि उनके घर पर 400 किलो पुश्तैनी सोना पड़ा हुआ था. जिस को बेचकर उन्होंने यह रकम हासिल की है. हालांकि इत्र उद्योगपति की इस बात पर अधिकारियों को बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ.
जब जीएसटी विभाग अधिकारियों ने पीयूष जैन से पूछा कि उन्होंने अपना पुश्तैनी सोना क्यों बेचा. तब इस बात का जवाब देते हुए इतर उद्योगपति ने कहा क्यों नहीं पैसों की काफी ज्यादा जरूरत थी. इसलिए उन्हें अपना पुश्तैनी सोना बेचना पड़ा. जब अधिकारियों ने भी उज्जैन से पूछा कि पिछले 5 साल में उन्होंने ना कोई फार्म खोली है और ना ही कोई नया बिजनेस शुरू किया है फिर भी उन्होंने सोना बेच दिया. इस सवाल पर पीयूष जैन ने चुप्पी साध ली. जब अधिकारियों ने सवाल किया कि चलो मान लो आप को पैसे की जरूरत थी और आपने सोना बेचा लेकिन वह में यह बात समझ नहीं आ रही क्या आपने इतना सारा सोना बेचा कहां. अधिकारियों की इन बातों का इत्र व्यापारी के पास कोई भी जवाब नहीं था.