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बेटे की गुल्लक लेकर जुर्माना भरने ऑटो ड्राइवर पहुंचा थाने, भावुक हुए पुलिसवाले ने अपनी जेब से भर दिया फ़ाइन

सोशल मीडिया पर रोजाना ही कोई ना कोई खबर देखने और सुनने को मिल जाती है। कुछ खबरें ऐसी होती है जिसे देखने के बाद इंसान अक्सर भावुक हो जाता है। वहीं कुछ खबर ऐसी भी होती है जिसकी लोग तारीफ करते हुए नहीं थकते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पुलिस अधिकारी के मानवता भरे काम की जमकर तारीफ हो रही है। उस पुलिस वाले ने ऐसा काम किया है जिसकी चर्चा सभी लोग कर रहे हैं।

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं पुलिस वाले हमेशा किसी न किसी विवाद की वजह से सुर्खियों में छाए रहते हैं। हमेशा से ही पुलिस वालों के प्रति लोगों का नजरिया नकारात्मक रहता है परंतु सभी पुलिसवाले एक जैसे नहीं होते, कुछ पुलिसवालों की वजह से सारे बदनाम हो जाते। वैसे सभी लोग पुलिसवालों को अक्सर एक कड़े रवैये या भ्रष्ट आचरण के लिए ही जानते हैं परंतु ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

हर पुलिसवाला एक जैसा नहीं होता और ना ही हर कोई रिश्वत लेता है। कुछ पुलिस वाले ऐसे भी होते हैं जो अपनी ड्यूटी ईमानदारी के साथ निभाते और यह अपनी ड्यूटी के आगे बढ़ कर आम जनता की सहायता करते रहते हैं। हमने भी ऐसे कई उदाहरण देखे होंगे। इसी बीच नागपुर के एक पुलिस वाले ने कुछ ऐसा ही काम किया है।

आपको बता दें कि नागपुर में एक सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर ने जब एक ऑटो चालक की कहानी सुनी तो बाद में उन्होंने अपनी जेब से ऑटो चालक का चालान भर दिया। वह ऑटो चालक अपने वाहन को छुड़ाने के लिए अपने बच्चे की गुल्लक से पैसे लेकर आया था। नागपुर सिटी पुलिस ने ट्विटर पर लिखा कि वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अजय मालवीय ने जब ऑटो चालक को अपने बेटे की बचत का उपयोग कर ₹2000 का जुर्माना भरने के लिए देखा तो उन्होंने अपनी जेब से यह जुर्माना भरने का निर्णय लिया।

दरअसल, हुआ ऐसा कि नागपुर पुलिस विभाग ने हाल ही में रोहित खडसे ड्राइवर का एक ऑटो जब्त किया था। इसके बाद उन्होंने कथित रूप से यातायात नियमों का उल्लंघन करने के लिए चालान रसीद भी जारी किया गया। उन्होंने अपना ऑटो नो पार्किंग में खड़ा किया था, जिसके लिए उसे ₹200 का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा उसके ऊपर पहले से ही कुछ जुर्माना बकाया था, जिसकी वजह से पुलिस ने उसका ऑटो जब्त कर लिया था। कुल मिलाकर रोहित पर ₹2000 तक जुर्माना हो गया था परंतु उसके पास इतने पैसे नहीं थे।

रोहित के पास उसका वाहन ही कमाने का एकमात्र जरिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि आमदनी में कमी और खुद जुर्माना भरने में रोहित असमर्थ था, जिसकी वजह से वह अपने बेटे के गुल्लक से सिक्के लेकर अपना वाहन छुड़वाने के लिए पुलिस के पास पहुंच गया। पुलिस ने सिक्के लेने से मना कर दिया। ऑटो चालक वरिष्ठ निरीक्षक अजय मालवीय के पास पहुंचा और उनसे अनुरोध किया कि उनका ऑटो रिक्शा उसे वापस कर दिया जाए। उसके हाथ में सिक्कों की प्लास्टिक की थैली देखकर पुलिसकर्मी ने उससे पूछा कि परेशानी क्या है?

रोहित ने रोते हुए सिक्कों की थैली को टेबल पर रख दिया और रोते हुए उसने अपनी दुख भरी कहानी बताई। उसने कहा कि “सर, मेरा ऑटो छोड़ दीजिए। अगर आज नहीं छोड़ा तो हमको भूखा रहना पड़ेगा क्योंकि लॉक डाउन के चलते जो जमा पूंजी थी वह सारी खर्च हो गई। अब बेटे की गुल्लक लीजिए और ऑटो छोड़ दीजिए। ऑटो चालक की कहानी सुनकर इंस्पेक्टर भावुक हो गए और उन्होंने अपनी जेब से जुर्माने की सारी राशि भर दी और उसका ऑटो दिलवाया।

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