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26 मार्च को है प्रदोष व्रत, इस विधि से करें पूजा, भोलेनाथ की प्राप्त होगी कृपा

मार्च महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 26 मार्च 2021 दिन शुक्रवार को रखा जाने वाला है। आपको बता दें कि प्रत्येक माह में दो पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत का बहुत महत्व माना गया है। प्रदोष व्रत का नाम उसके दिन के अनुसार होता है। इस बार प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है, इसी वजह से इसको शुक्र प्रदोष कहा जाएगा। प्रदोष व्रत पर देवों के देव महादेव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

ऐसा माना जाता है कि अगर नियम और निष्ठा के साथ प्रदोष व्रत किया जाए तो इससे भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त, नियम और पूजा विधि के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि आरंभ: 26 मार्च 2021 प्रातः 08:21 बजे से

फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त: 27 मार्च 2021 प्रातः 06:11 बजे पर

प्रदोष व्रत पूजा का समय: 26 मार्च को शाम 06:36 बजे से रात्रि 08:56 मिनट तक

प्रदोष व्रत पूजा विधि

1. आपको व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठना होगा। उसके बाद स्नान आदि से निवृत होकर साफ-सुथरे कपड़े पहन लीजिए और व्रत का संकल्प लें।

2. इसके बाद आपको भगवान शिवजी की पूजा करनी होगी।

3. व्रत वाले पूरे दिन निराहार रहकर आप अपनी क्षमतानुसार व्रत कीजिए।

4. शाम के समय प्रदोष काल में भगवान शिव जी, माता पार्वती और भगवान गणेश जी की भी पूजा कीजिए।

5. भगवान शिव जी का अभिषेक करें और उनके पसंद की चीजें चढ़ाएं।

6. आपको बता दें कि भगवान शिवजी की पूजा सूर्यास्त के 45 मिनट पहले ही शुरू कर देनी चाहिए। पूजा करने के बाद आप कुश का आसन बिछाकर उस पर बैठ जाएं और भगवान शिव जी के मंत्र “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः” का जाप कीजिए।

जानिए प्रदोष व्रत के नियम

जानिए प्रदोष व्रत का महत्व

जो व्यक्ति प्रदोष व्रत रखता है उसके जीवन की सभी दु:ख परेशानियां दूर हो जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत रखने वाले व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। जिनको संतान प्राप्ति की इच्छा है उनके लिए यह व्रत बहुत ही शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जो प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ता है, अगर वह व्रत किया जाए तो सौभाग्य और सपन्नता की प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत करने वाले लोगों के ऊपर भगवान शिव जी की अपार कृपा दृष्टि बनी रहती है। भोले बाबा की कृपा से व्यक्ति का जीवन खुशहाल बनता है।

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