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पत्नी ने सावित्री की तरह यमराज से छीने अपने पति के प्राण, 60 फ़ीसदी लिवर डोनेट करके बचाई जान

आप लोगों ने सावित्री की कहानी तो सुनी ही होगी। धर्म ग्रंथों के अनुसार, सावित्री यमराज से अपने पति के प्राण वापस लेकर आ गई थी। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला ने अपने पति के प्राणों को यमराज से वापस लाने वाली सावित्री की कहानी को सच कर दिखाया है। एक पत्नी ने अपने पति की जान बचाने के लिए 60 फ़ीसदी लिवर डोनेट कर दिया और अपने पति की जिंदगी बचा ली। अब पत्नी के बारे में हर कोई चर्चा कर रहा है। जो भी इस खबर को सुन रहा है, वह पत्नी की तारीफ किए बिना नहीं रह पा रहा है।

दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह मैनपुरी के बेवर थाना क्षेत्र का है। यहां के निवासी पुष्पेंद्र सिंह सेंगर ने फर्रुखाबाद के मडार गांव निवासी प्रज्ञा से साल 2000 में प्रेम विवाह किया था। पुष्पेंद्र सिंह सेंगर रोडवेज में परिचालक थे। लिहाजा जीवन हंसी खुशी व्यतीत हो रहा था। बाद में वह शिक्षा विभाग में नौकरी पाकर शिक्षक बन गए थे। इस समय उनकी तैनाती शाहजहांपुर जनपद में है।

प्रज्ञा और पुष्पेंद्र का एक 18 साल का बेटा भी है। प्रज्ञा ने बताया कि साल 2017 में पति पुष्पेंद्र के पेट में दर्द हुआ था। जिसके बाद वह पति के इलाज के लिए एक शहर से दूसरे शहर डॉक्टरों के चक्कर काटती रहीं। जब जांच कराई तो पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। प्रज्ञा सेंगर ने बताया कि पति को पेट दर्द की शिकायत के बाद सबसे पहले फतेहगढ़ में डॉक्टर को दिखाया था। यहां जांच में पता चला कि पुष्पेंद्र का लीवर सिर्फ 25 फ़ीसदी ही कार्य कर रहा है। 75 फीसदी लीवर खराब हो चुका है।

प्रज्ञा ने बताया कि पति की इस बीमारी से जिंदगी की नई जंग शुरू हो गई। देश के कई डॉक्टरों से संपर्क किया। हर संभव इलाज कराया गया, लेकिन पति को कोई फायदा नहीं मिला। प्रज्ञा अपने पति का इलाज कराने के लिए आगरा गईं, जहां कुछ दिन इलाज के बाद डॉक्टरों ने दिल्ली में उपचार कराने की सलाह दी। लेकिन दिल्ली जाने पर वहां के डॉक्टरों ने भी कुछ दिन इलाज करने के बाद हाथ खड़े कर दिए थे। इसके बावजूद भी प्रज्ञा ने अपनी हिम्मत नहीं हारी और अपने पति की जिंदगी बचाने के लिए दिल्ली के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया।

जब प्रज्ञा ने पति पुष्पेंद्र को दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया तो डॉक्टरों ने कहा कि अगर कोई पुष्पेंद्र को लिवर डोनेट कर दे, तो उनकी जान बच सकती है। डॉक्टर ने यह भी कहा था कि जान बचाने के लिए 60 फीसदी लीवर डोनेट करना होगा। जब प्रज्ञा ने यह बात सुनी तो उसने अपने पति की जान बचाने के लिए अपना 60 फीसदी लीवर डोनेट कर दिया। अब प्रज्ञा 40% लिवर के सहारे अपनी जिंदगी गुजारेंगीं। लेकिन उन्होंने अपने पति की जिंदगी बचा ली, जिससे वह बहुत ज्यादा खुश हैं।

आपको बता दें कि प्रज्ञा के पति पुष्पेंद्र अभी दिल्ली के हॉस्पिटल में आईसीयू में एडमिट हैं। डाॅक्टर्स का ऐसा कहना है कि 10 से 15 दिनों में वह ठीक हो जाएंगे। वहीं प्रज्ञा ने बताया कि पति के इलाज में 5 साल में करीब 75 लाख रुपए खर्च हो गए। हालांकि, सबसे बड़ी संतुष्टि यही है कि पति की जिंदगी बच गई है।

 

 

 

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