पिता बेचते थे दूध, कम उम्र में उठा माँ का सर से साया, संघर्ष कर IPL 2020 तक ऐसे पहुचें प्रियम गर्ग
हर इंसान के जीवन में बहुत सी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं, परंतु अगर कठिन परिस्थितियों में व्यक्ति हार मान लेता है तो व्यक्ति अपने जीवन में कभी कामयाब नहीं हो सकता। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं आईपीएल 2020 (IPL 2020) के 13वें सीजन में कई रोमांचक मैच देखने को मिल रहे हैं। हर युवा मैच में अपनी प्रतिभा दिखाने के उत्सुक है। ऐसे बहुत से खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने दमदार प्रदर्शन से दर्शकों के साथ-साथ दिग्गज क्रिकेटर्स का भी दिल जीत लिया है। उन्ही खिलाड़ियों में से एक प्रियम गर्ग का नाम भी आता है। जिन्होंने यह मुकाम हासिल करने के लिए बहुत सी कठिन परिस्थितियों का सामना किया है। काफी संघर्ष करने के बाद वह यहां तक पहुंच पाए हैं।
IPL 2020 के इस सीजन में ऐसे बहुत से खिलाड़ी हैं जो अपने दमदार प्रदर्शन से लोगों का दिल जीत रहे हैं, जिनको शायद ही कोई इससे पहले जानता हो, लेकिन अब इनको सभी लोग अच्छी तरह जानने लगे हैं। करोड़ों क्रिकेट फैंस इनके दीवाने हो चुके हैं। आपको बता दें कि आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए प्रियम गर्ग ने अपनी काबिलियत को साबित कर दिखाया है। आईपीएल 2020 के 14वें मैच में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ हुए मैच में उन्होंने 23 गेंदों में अपना पहला आईपीएल अर्धशतक बनाया। 24 गेंदों पर 51 रन की सहायता से टीम का स्कोर 164 /5 पहुंचा। सनराइजर्स हैदराबाद 7 रनों से इस मैच को जीत गई। प्रियम गर्ग के इस बेहतर प्रदर्शन के लिए इनको मैन ऑफ द मैच चुना गया। इन्होंने भले ही मैच के दौरान हर किसी को प्रभावित किया है, लेकिन इन्होंने जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए यह मुकाम हासिल किया है। आज हम आपको प्रियम गर्ग के जीवन से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं प्रियम गर्ग
प्रियम गर्ग का जन्म 30 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। यह बहुत ही निर्धन परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इनके पिता जी का नाम नरेश अग्रवाल है, जो कि दूध बेच कर घर का गुजारा चलाते थे। प्रियम गर्ग ने का बचपन बहुत ही गरीबी में बीता है। इन्होंने अपने जीवन में बहुत से मुश्किल हालात देखें हैं। छोटी सी उम्र में इनको क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। यह क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहते थे।
क्रिकेट खेलने के पीछे माँ से खाते थे डांट
प्रियम गर्ग की माता का नाम कुसुम रस्तोगी है। जब प्रियम क्रिकेट खेला करते थे तो अक्सर इनकी मां इनको डांट लगाती थीं। इनकी माता यह चाहती थीं कि इनका बेटा पढ़ाई में ध्यान दे परंतु प्रियम हमेशा क्रिकेट में ही व्यस्त रहते थे, जिसके चलते इनको अपनी मां से डांट खानी पड़ती थी। पिताजी ने भी अपने बेटे को क्रिकेटर बनने से रोका क्योंकि इनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि यह अपने बेटे को क्रिकेटर बना पाएं।
बेटे के जुनून के आगे माता-पिता हुए राजी
प्रियम गर्ग का क्रिकेट के प्रति इतना ज्यादा जुनून था कि इसके आगे माता-पिता को भी मानना पड़ा। आपको बता दें कि प्रियम के मामा ने उनको क्रिकेटर बनाने के लिए उनके माता-पिता को मनाया था। बाद में माता-पिता ने भी इनका साथ देना शुरू किया। बेटे का सपना पूरा करने के लिए पिता ने मेरठ में संजय रस्तोगी की अकादमी में प्रियम का दाखिला करवा दिया। जब अकादमी में प्रियम गर्ग का दाखिला हुआ तब पिता के ऊपर जिम्मेदारियां और अधिक बढ़ गई थीं। माता-पिता ने अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए बहुत सी परेशानियों का सामना किया। बेटे ने भी खूब संघर्ष किया। आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद भी पिता अपने बेटे के सपने को सच करने के लिए हर मुश्किल परिस्थिति का सामना कर रहे थे। 20 किलोमीटर साइकिल चलाकर अपने बेटे प्रियम गर्ग को अकादमी छोड़ने जाया करते थे। कोच संजय रस्तोगी भी प्रियम गर्ग की काबिलियत के कायल हो गए। जब प्रियम गर्ग के कोच को पता चला कि इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तो इन्होंने फीस लेने से मना कर दिया था और यह फ्री में ही ट्रेनिंग देने लगे थे।
कम उम्र में उठ गया था मां का सिर से साया
जब प्रियम गर्ग की आयु लगभग 11 वर्ष की थी तब इनकी माता इस दुनिया को छोड़ कर चली गई थीं। माता के निधन से प्रियम गर्ग बेहद दुखी हुए परंतु इन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी। बाद में प्रियम गर्ग ने अकादमी जाना छोड़ दिया लेकिन इस कठिन समय में प्रियम गर्ग के पिता ने हौसला बढ़ाया। पिता ने ही अपने बेटे को मां-बाप दोनों का प्यार दिया। पिता के समझाने पर प्रियम गर्ग फिर से अकादमी जाने लगे थे और अपने कोच संजय रस्तोगी के नेतृत्व में यह अपने खेल को निखारने लगे।
12 वर्ष की उम्र में प्रियम गर्ग को अंडर-14 टीम में स्थान मिला। यहां पर इन्होंने खेलते हुए दोहरा शतक मारा, जिसके बाद यह हमेशा आगे बढ़ते गए। अंडर-16 में भी प्रियम गर्ग का सिलेक्शन हुआ था यहां पर इन्होंने दोहरा अर्धशतक जड़ा।
अंडर-19 विश्वकप के कप्तान बने थे प्रियम गर्ग
आपको बता दें कि प्रियम गर्ग की बेहतरीन बल्लेबाजी को देखते हुए इनको अंडर-19 विश्व कप 2020 के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था। इनको टीम की कप्तानी सौंपी गई और इनके नेतृत्व में भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची लेकिन यहां पर यह जीत हासिल नहीं कर पाए। बांग्लादेश से हुए फाइनल में भारत को हार सामना करना पड़ा। यह टीम उपविजेता रही।