देशभर में कोरोना वायरस की महामारी की वजह से लोगों का बुरा हाल हो गया है। लॉकडाउन के कारण देश भर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। लॉकडाउन की वजह से लोगों का रोजगार छिन गया है। कमाई का कोई भी जरिया ना होने के कारण सबसे ज्यादा असर लोगों की जेब पर पड़ा है। हर कोई संकट की इस घड़ी में कोई ना कोई रोजगार की तलाश में इधर उधर भटक रहा है। कैसे ना कैसे करके हर कोई व्यक्ति पैसा कमाना चाहता है। वैसे देखा जाए तो अगर किसी को पैसे मिले तो हर कोई उसको अपने पास रखना चाहेगा। पैसों के लिए तो अच्छे-अच्छों की नियत खराब हो जाती है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ऑटो ड्राइवर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। जी हां, इस ऑटो ड्राइवर ने सवारी के रुपए और जेवर से भरा हुआ बैग वापस लौटया है।
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं मुश्किल समय में अच्छे से अच्छे इंसान का ईमान डगमगाते देर नहीं लगता है। परंतु एक ऑटो ड्राइवर ने मुश्किल की इस घड़ी में ईमानदारी दिखाई है। आपको हम जिस मामले के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह मामला पुणे से सामने आया है। जहां पर 60 वर्षीय रिक्शा चालक विट्ठल मापारे ने रुपयों से भरा हुआ बैग और जेवर सवारी को वापस लौटा कर ईमानदारी की एक मिसाल पेश की है। आपको बता दें कि इस बैग में लगभग सात लाख रुपये की नगदी और जेवरात थे।
रिक्शे में बैग भूल गई थी सवारी
खबरों के अनुसार यह मामला बुधवार के दिन का बताया जा रहा है। एक कपल केशव नगर इलाके में रिक्शा चालक विट्ठल मापारे की तिपहिया रिक्शा में बैठा। पुलिस के अनुसार रिक्शे पर बैठा कपल इस दौरान अपना बैग रिक्शे में ही भूल गया था। रिक्शा चालक विट्ठल मापारे ने बताया कि मैंने बीटी कावडे रोड पर चाय पीने के लिए रिक्शा रोका था। तभी मैंने देखा कि पिछली सीट पर एक बैग पड़ा हुआ था। मैंने इसे खोला नहीं। सीधे घोरपड़ी चौकी ले गया। सीधे सब इंस्पेक्टर विजय कदम को दिया।
सब इंस्पेक्टर कदम ने ऐसा बताया कि जब मैंने उस बैग को खोला तो उसके अंदर 11 तोले के सोने के जेवर मिले और साथ ही ₹20000 रुपये की नकदी मिली थी। अगर हम पूरे सामान की कुल कीमत के बारे में बताएं तो सात लाख रुपये का सामान बैग के अंदर रखा हुआ था। इस बैग के अंदर कैश और जेवरों के अलावा कुछ कपड़े भी रखे हुए थे, इसके बाद हडपसर पुलिस थाने से संपर्क किया गया।
आपको बता दें कि जो सवारी रिक्शा में बैठी हुई थी उसने थाने में पहुंचकर बैग खोने की शिकायत दर्ज करा दी थी। मुंडवा पुलिस स्टेशन पर उनका बैग उन्हें वापस लौटा दिया गया था। डिप्टी कमिश्नर सुभाष बावचे रिक्शा चालक विट्ठल मापारे की इस ईमानदारी के लिए इनको सम्मानित किया। आपको बता दें कि रिक्शा चालक एक किराए के मकान में रहता है। इनका एक बेटा है, जो एक निजी कंपनी में काम करता है। ऑटो ड्राइवर की इस ईमानदारी के लिए लोग इसकी खूब तारीफ कर रहे हैं। विट्ठल मापारे सच्चाई को ही सबसे बड़ा ईमान मानते हैं। वैसे ईमानदारी जितना सुकून देती है इतनी और किसी चीज में नहीं मिल सकती।