रेगिस्तान और किलों का राज्य राजस्थान के अलवर डिस्ट्रीक के इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों ने फोर सीटर इलेक्ट्रिक कार बना ली है. हालाँकि देखने में यह गोल्फ कार की तरह लग रही है. दरअसल देश और दुनिया में बहुत-सी ऑटोमोबाइल कंपनियां ने इलेक्ट्रिक कार बना कर बाजार में उतारी है इन विद्यार्थियों की बनाई ये कार अन्य गाड़ियों के मुकाबले में बहुत चीप है. दरअसल बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों और पर्यावरण प्रदूषण समस्या को देखते हुए छात्रों ने इस कार का निर्माण किया है.
बता दें कि अलवर जिले के लक्ष्मी देवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नॉलोजी कॉलेज के विद्यार्थियों की टीम ने यह कार 75 हजार रुपए की लागत से बनाई है. दिलचस्प बात ये है कि यह कार बिजली से चार्ज होने के साथ-साथ सोलर एनर्जी से भी चलती है. कार एक बार में फुल चार्ज हो तो यह 100 से 110 KM तक की दूरी तय करती है. टीम लीडर अंकित कुमार ने कहा कि इसे 7 स्टूडेंट्स की टीम ने मिलकर बनाया है. प्रोजेक्ट को पूरा करने में 5 महीने लग गए.
दरअसल इसके समूह लीडर अंकित कुमार अलवरिया ने कहा है कि पहले तो वह और उनकी टीम एक स्मार्ट पार्किंग का छोटा-सा मॉडल बना रहे थे, ताकि जल्द से जल्द प्रोजेक्ट पूरा करके कोर्स को समाप्त किया जा सके. हालाँकि कॉलेज में इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के HoD रजनीश कुमार मित्तल ने विद्यार्थियों को कुछ बड़ा और फ्यूचर को ध्यान में रखते हुए कुछ करने की राय दे दी. उन्होंने बोला कि आज दुनिया में सबसे अधिक जिस चीज को लेकर दिक्कत चल रही है, उस समस्या से कैसे निपटा जा सकता है यह ध्यान में रख कर प्रोजेक्ट बनाने का सोचिए. मित्तल सर की बात सुन कर हमने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती रेट दरों के चैलेंज को देखते हुए हमने इलेक्ट्रिक कार बनाने का फैसला कर लिया था.
बताते चलें कि विद्यार्थियों के गाइड प्राध्यापक सोनू मनधेरना ने कहा कि वर्तमान समय में पेट्रोल-डीजल की दरों में तेजी से वृद्धि हो रही है. एक समय ऐसा आ जाएगा जब प्राकृतिक ईंधन खत्म होने लग जाएगा. तब लोग फ्यूचर में सोलर एनर्जी और बिजली से चलने वाली गाड़ियों का प्रयोग करेंगे. वर्तमान में इसकी शुरुआत भी हो गई है. गौरतलब है कि भारत सहित दूसरे देशों में लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने लग गए है. जयपुर में भी बड़ी संख्या में लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीद रहे हैं. अब आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का ही होगा.
गोल्फ कार क्या होती है?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि गोल्फ फील्ड, क्रिकेट का मैदान या अन्य खेल के कोई बड़े मैदान में लाइट वेट पहुंचाने की एक 4-6 सीटर एक गाड़ी आपने देखी होगी. इस गाड़ी में कोई गियर, क्लच नहीं रहता है, यह पूरी तरह इलेक्ट्रिक रहती है. इस कार में 4-5 लोग बैठकर मैदान में एक जगह से दूसरी जगह पर आते-जाते रहते हैं. हालाँकि अक्सर गोल्फ के खेल में इस गाड़ी को सबसे ज्यादा उयोग में लेते है. आपने भी इसे अकसर गोल्फ के मैदान में ही देखा होगा.
ये हैं टीम के लोग
दरअसल समूह लीडर अंकित कुमार के अलावा उनकी टीम में मोहित मीणा, मनोज वर्मा, नवन डबास, गौरव कुमार, मनोज सैनी और श्वेता सेरवाल भी शामिल थी. आपको बता दें कि ये सभी कॉलेज के अंतिम वर्ष के विद्यार्थी हैं. इन्होंने ये कार बना काबिले तारीफ काम किया है.