दोस्तों हाल ही में 27 जून से अमरनाथ की यात्रा की शुरुआत हो चुकी हैं. इस साल अभी तक अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए 1.96 लाख तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. जैसा कि आप सभी जानते हैं ये अमरनाथ यात्रा करने में काफी रिस्क भी होता हैं. अचानक आई प्राकृतिक आपदाओं के अलावा यहाँ हमेशा आतंकी हमलों का भी ख़तरा रहता है. हालाँकि इन खतरों के बावजूद यहाँ हर साल लाखों की तादात में भक्तजन आते रहते हैं. बाबा बर्फानी से मिलने का मोह इन भक्तों को यहाँ खीच लाता हैं.
वैसे तो यहाँ भोले नाथ के दर्शन हेतु कई नर नारियां आते हैं. लेकिन इनके अतिरिक्त बाबा के दर्शन करने हेतु कई किन्नर भी यहाँ बड़ी श्रद्धा भक्ति के साथ आते हैं. किन्नर भोलेनाथ को अपना सबसे बड़ा आराध्य मानते हैं. आमतौर पर लोगो को लगता हैं कि किन्नर सिर्फ लोगो से पैसा मांगने में दिलचस्पी रखते हैं. लेकिन आज हम आपको किन्नरों का एक ऐसा रूप दिखाएंगे जिसे देख आपके मन में उनके प्रति स्नेह और सम्मान बढ़ जाएगा.
दरअसल हाल ही में राजस्थान से आए कुछ किन्नर अमरनाथ पहुंचे हैं. ये लोग यहाँ आने के बाद अमरनाथ यात्रा के लिए आए तीर्थयात्रियों को लंगर में फ्री सेवा दे रहे हैं. उनका कहना हैं कि भक्तों की सेवा बाबा बर्फानी की सेवा की तरह होती हैं. हनुमान गढ़ राजस्थान से आई किन्नर जसमीन का कहना हैं कि वे यहाँ बाबा बर्फानी के दर्शन करने तो आई ही हैं लेकिन साथ ही यहाँ दो महीनो तक रूक कर तीर्थयात्रा के लिए आए श्रद्धालुओं को अपनी सेवा भी देगी. जम्मू कश्मीर के हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए वे बोली कि मैं बाबा बर्फानी से प्रार्थना करुँगी कि राज्य में शान्ति बनाए रखे. साथ ही हम ये भी प्रार्थना करेंगे कि यहाँ के पत्थरबाजों को सतबुद्धि आए.
किन्नर जसमीन आगे कहती हैं कि उन्हें यहाँ आकर बहुत अच्छा लग रहा हैं. यहाँ के वातावरण में एक पॉजिटिव एनेर्जी हैं. ये दिल और दिमाग को शान्ति देती हैं. यहाँ वे दो महीने तक रुक लंगरों में अपनी सेवाएं देगी. वहीँ एक और किन्नर चाहत का कहना हैं कि उन्हें बाबा बर्फानी ने अपनी सेवा के लिए बुलाया हैं. मानव सेवा ही भोलेनाथ की सेवा हैं. उन्होंने ये भी बताया कि ना तो हमें पत्थरबाजों से डर लगता हैं और ना ही आतंकवादियों से. साथ ही वे पकिस्तान को चेतावनी देते हुए बोली की भारत से पंगा मत लेना, वरना ये महंगा पड़ेगा.
ये काफी दिलचस्प बात हैं कि किन्नर समाज अपने निवास स्थल से इतनी दूर आकर भक्तजानो की मुफ्त में सेवा कर रहा हैं. उनके इस कृत्य से आज हम ये पता चला कि किनार सिर्फ पैसा ही नहीं लेते बल्कि मुफ्त में मानवता का काम भी करते हैं.
बताते चले कि अमरनाथ यात्रा में आए इतने सारे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. एक जानकारी के मुताबिक इस अमरनाथ यात्रा के दौरान करीब 40 हजार सुरक्षाकर्मीयों को तैनात किया गया हैं. ये अमरनाथ यात्रा हर साल की तरह 60 दिनों तक चलेगी जो कि साल की श्रावन पूर्णिमा (26 अगस्त, रक्षा बंधन) के दिन समाप्त होगी.