हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का त्यौहार विशेष महत्व रखता है। यह सबसे बड़े त्योहारों में से एक होता है। पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व हर वर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इसे राखी और राखी पूर्णिमा पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है। रक्षाबंधन पर बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसके सुखी जीवन की प्रार्थना करती है। इसके साथ ही बहन भाई से अपनी सुरक्षा का वचन लेती है।
वैसे देखा जाए तो आजकल बाजार में कई रंग-बिरंगी फैंसी और महंगी राखियां उपलब्ध हैं। बहनें अपने भाइयों के लिए अच्छी से अच्छी राखी खरीदने की कोशिश करती है। लेकिन इस समय के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है अन्यथा इसका अशुभ प्रभाव हो सकता है।
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से रक्षाबंधन का त्यौहार कब है और राखी खरीदते और बांधते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
जानिए कब है रक्षाबंधन
अगर हिंदू कैलेंडर के मुताबिक देखा जाए तो श्रावण यानी सावन मास की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022 को प्रातः 10:38 बजे से प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी 12 अगस्त 2022 को प्रातः 7:05 बजे पर समाप्त होगी। लेकिन सवाल यह उठता है कि रक्षाबंधन का पर्व किस दिन मनाया जाएगा?
आपको बता दें कि सावन पूर्णिमा 11 अगस्त 2022 को प्रारंभ हो रही है। मान्यता के अनुसार रक्षाबंधन के लिए सबसे अच्छा समय दोपहर के बाद का माना गया है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक अपराह्न का समय राखी बांधने के लिए सबसे उपयुक्त बताया गया है।
इसके साथ ही दोपहर में यदि भद्रा है, तो इसे शुभ नहीं माना जाता है। 11 अगस्त 2022 को प्रदोष काल में भद्रा पूंछ समय शाम 5:18 बजे से लेकर 6:18 बजे तक के बीच रक्षा सूत्र बंधवा सकते हैं। अगर ऐसा संभव नहीं है और जो लोग सूर्यास्त के बाद राखी नहीं बांधते हैं वह अगले दिन यानी 12 अगस्त को राखी बांध सकते हैं। आपको बता दें कि रक्षाबंधन के लिए प्रदोष काल का मुहूर्त 11 अगस्त 2022 को रात 8:52 बजे से रात्रि 9:20 बजे तक है। यह समय भी राखी बांधने के लिए उपयुक्त बताया जा रहा है।
इन बातों का रखें ध्यान
अशुभ चिन्ह वाली ना खरीदें राखी
अगर आप अपने भाई के लिए राखी खरीद रही हैं, तो उस समय इस बात का ध्यान रखें कि राखी पर किसी भी तरह का अशुभ चिन्ह नहीं होना चाहिए। ऐसी राखी भूलकर भी ना खरीदें और ना ही बांधे।
राखी में किसी देवी-देवता की ना हो तस्वीर
आजकल बाजार में देवी-देवताओं की तस्वीर या चिन्ह वाली बहुत सी राशियां उपलब्ध हैं। इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस तरह की राखियां आपके भाई की कलाई पर काफी समय तक बंधी रहती हैं, जिसकी वजह से यह अपवित्र हो जाती हैं और बाद में कहीं गिर भी सकती हैं। इन दोनों ही स्थिति में भगवान का अपमान होता है, जिसकी वजह से अशुभ परिणाम झेलना पड़ सकता है।
टूटी-फूटी राखी ना बांधे
अक्सर ऐसा होता है कि जल्दीबाजी में टूटी-फूटी खंडित राखी खरीद लेते हैं। किसी राखी का धागा निकला हुआ होता है, तो किसी राखी पर बना हुआ चिन्ह कहीं से टूटा हुआ होता है। आप भूलकर भी ऐसी राखी ना खरीदें और ना ही अपने भाई की कलाई पर बांधे।
इस रंग की राखी नहीं बाँधनी चाहिए
रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इसलिए आपको यह ध्यान रखना होगा कि भाई की कलाई पर काले रंग की राखी भूलकर भी ना बांधे क्योंकि यह रंग नाकारत्मकता का प्रतीक होता है। शुभ कार्य में इसका प्रयोग नहीं किया जाता है। राखी में काला धागा या काले रंग का प्रयोग किया गया है, तो आप ऐसी राखी बाजार से ना खरीदें और ना ही ऐसी राखी बांधनी चाहिए।