पूजा थाली में इन चीजों के बिना अधूरा है रक्षाबंधन का त्यौहार, जानिए क्या है इनका महत्व
रक्षाबंधन का त्यौहार भारतीय त्योहारों में से एक प्राचीन त्यौहार है। रक्षाबंधन यानी रक्षा बंधन, एक ऐसा रक्षा सूत्र जो भाई को सभी संकटों से दूर रखता है। यह त्यौहार भाई-बहन के बीच स्नेह और पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इस बार रक्षाबंधन 11 अगस्त को मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है, जिसे राखी का त्यौहार भी कहा जाता है।
रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसके सुखी जीवन व लंबी उम्र की कामना करती है। इसके साथ ही बहन अपने भाई से अपनी सुरक्षा का वचन लेती है। रक्षाबंधन हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है, जिसे पूरे भारत समेत अन्य देशों में मनाया जाता है। इस त्यौहार को बेहद धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
निस्वार्थ प्रेम से भरा हुआ यह दिन भाई बहनों के लिए विशेष दिन होता है। इस दिन बहनें सुबह सुबह स्नान कर पूजा की थाली को सजाकर अपने भाई की आरती उतारती हैं। बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने से पहले रक्षाबंधन स्पेशल थाली तैयार करती हैं।
शास्त्रों के मुताबिक यदि बहन राखी की थाली सही तरीके से सजाकर तब राखी बांधती हैं, तो उनकी भाई की आयु लंबी होने के साथ-साथ माता लक्ष्मी जी का आशीर्वाद भी प्राप्त हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राखी की थाली में कुछ चीजों को शामिल करना बहुत ही जरूरी है। इनके बिना रक्षाबंधन की थाली अधूरी मानी जाती है। तो चलिए जानते हैं आखिर पूजा की थाली में कौन-कौन सी चीजें जरूरी हैं और उसका महत्व क्या है।
अक्षत थाली में जरूर रखें
हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य या पूजा-पाठ किया जाता है, तो उसमें अक्षत का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। शुभ कार्य में अक्षत को शामिल करना बहुत ही जरूरी होता है। अगर आप अपनी राखी की थाली तैयार कर रही हैं, तो उस दौरान आप पूजा की थाली में अक्षत को शामिल जरूर करें। अक्षत को पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। अक्षत का इस्तेमाल करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए तिलक करते समय अक्षत भी जरूर लगाएं। ऐसा कहा जाता है कि अक्षत लगाने से भाई की आयु लंबी होती है। इसके साथ-साथ वह संपन्न भी रहते हैं।
दीप जलाकर उतारें आरती
रक्षाबंधन पर पूजा की थाली में दीप को जरूर शामिल कीजिए। दरअसल, दीप में अग्नि देव का वास होता है, जो किसी भी धार्मिक कार्य में साक्षी के तौर पर शुभ रहते हैं। इसके साथ ही अग्नि को ऊर्जा और प्राण का प्रतीक भी माना जाता है। दीपक जलाने से नकारात्मकता खत्म हो जाती है। हिंदू धर्म में भी किसी धार्मिक कार्य में आरती करने की परंपरा है। इसलिए राखी बांधकर आप अपने भाई की आरती जरूर उतारें। ऐसा करने से भाई के ऊपर से नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाएगा।
चंदन से शांत होगा मन
ज्योतिष शास्त्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि भाई के माथे पर चंदन का तिलक लगाने से उसका मन शांत रहता है। वहीं चंदन को माथे पर लगाने से भाई को भगवान विष्णु और गणेश जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। चंदन इसलिए भी लगाया जाता है ताकि आपके भाई का मन शांत रहें और वह धर्म और कर्म के रास्ते से ना भटके।
कुमकुम या रोली का तिलक
रक्षाबंधन पर थाली तैयार करने के दौरान उसमें कुमकुम या रोली जरूर शामिल करना चाहिए। सिंदुर या कुमकुम को माता लक्ष्मी जी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए कुमकुम को अपनी थाली में जरूर शामिल कीजिए। भाई को सिंदूर का तिलक लगाने से उन पर माता लक्ष्मी जी की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है और उसे जीवन में पैसों की कमी भी नहीं होती है।