एक तरफ जहां यह साल खत्म हो रहा है वहीं दूसरी तरफ अगली साल शुरू होने के साथ 2021 के गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड को बेहद खास बनाने के लिए अभी से तैयारियां शुरु की जा चुकी है. बस इतना ही नहीं बल्कि इस बार राजपथ में होने जा रही गणतंत्र दिवस की परेड में कुछ अलग नजरा भी देखने को मिलने वाला है. दरअसल इस बार की परेड में अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की भव्यता इस बार दिल्ली में राजपथ के जरिये पूरी दुनिया को दिखाई जाएगी. दरअसल उत्तर प्रदेश की ओर से जो झांकी परेड में शामिल होने वाली है, उसमें राम मंदिर का भव्य मॉडल भी दर्शाया जाने वाला है. यूपी की ओर से इस बार की परेड में अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर को ही थीम बनाया जा रहा है.
बता दें इसके साथ साथ ही दिल्ली में 26 जनवरी 2021 को होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड की झांकी में अयोध्या में हर साल होने वाले दीपोत्सव को भी दर्शाया जाने वाला है. साथ ही झांकी में सामाजिक सद्भाव के दृश्य जिसमें शबरी के झूठे बेर, निषादराज को राम का गले लगाना, केवट को आशीर्वाद समेत अन्य दृश्यों को भी दिखाया जायगा. और इसके अलावा भी योगी सरकार अपनी झांकी में अंतरराष्ट्रीय ख्याति के मृदंगाचार्य रामशंकरदास की मूर्ति भी दिखाने वाली है. सभी जानते हैं अयोध्या में इसी साल अगस्त में राम मंदिर की नींव रखी गई थी. वहीं दिसंबर महीने में काम शुरू होने वाला है.
इस दीवाली 13 नवंबर को राम नगरी अयोध्या 5 लाख से अधिक दीपों की रौशनी से सुसज्जित हुई थी. दुनियाभर के राम भक्त इसके गवाह बने थे. लोगों को सरयू नदी किनारे इस अद्भुत दृश्य को देख कर लग रहा था कि मानो अपने श्रीराम के स्वागत में सितारे भी जमी पर उतर कर आ गए. कुछ ऐसा ही अनुभव था दीपोत्सव 2020 में राम की नगरी अयोध्या का. इस खूबसूरत नजारे को सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के करोड़ों राम भक्तों ने भी वर्चुअल तरीके से खुद को इस दीपोत्सव से जोड़ा था और त्रेता युग के उस आनंद का अनुभव किया जो उस समय अवध के लोगों ने किया होगा. लोगों ने उस पल का एहसास किया है जब राम सीता और लक्ष्मण 14 साल के वनवास के बाद कौशलपुरी (अयोध्या) लौट कर आए थे.
आपको बता दें कि सीएम योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही अयोध्या में दीपोत्सव का यह चौथा साल रहा था. जब सरयू तट दीपों को जलाकर रिकॉर्ड बनाया गया हो. गौरतलब है कि मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ का अयोध्या से खास लगाव रहा है ऐसे में हर दीपोत्सव अपने में खास हो जाता है. इस बार तो मंदिर बनने की वजह खास रही.