रतन टाटा ने एक बार फिर दिखाई दरियादिली, अपने बीमार पूर्व कर्मचारी से मिलने पहुंचे पुणे
83 वर्षीय सुप्रसिद्ध रतन टाटा एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। आपको बता दें कि रतन टाटा अपने एक पूर्व कर्मचारी से मिलने के लिए मुंबई से पुणे पहुंच गए, जिसके बाद सोशल मीडिया पर सभी लोग इस विषय में खूब चर्चा कर रहे हैं। आपको बता दें कि रतन टाटा हमेशा से ही अपनी दरियादिली के लिए जाने जाते हैं। यह हर मौके पर लोगों की सहायता के लिए सबसे आगे खड़े रहते हैं। इन्होंने अपनी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को कभी भी वर्कर नहीं माना है। रतन टाटा अपने सभी कर्मचारियों को परिवार के सदस्य के रूप में ही देखते आ रहे हैं। रतन टाटा ऐसी कई कल्याणकारी योजनाएं चला रहे हैं, जिसका लाभ उनके कर्मचारियों को मिल रहा है।
उद्योगपति रतन टाटा हमेशा से ही अपनी दरियादिली के लिए जाने जाते हैं। भारत के सबसे पसंद किए जाने वाले 83 वर्षीय उद्योगपति रतन टाटा ने एक बार फिर से मानवता की मिसाल पेश की है। आपको बता दें कि रतन टाटा को अपने वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों के प्रति चिंता और लगाओ रहता है। यह अपने कर्मचारियों को कभी भी तकलीफ में नहीं देख सकते हैं। आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि वह खुद कई दिनों से बीमार चल रहे अपने एक कर्मचारी से मिलने के लिए अचानक उसके घर पहुंच गए। खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि रतन टाटा मुंबई से पुणे अपने पूर्व कर्मचारी का हाल-चाल जानने के लिए पहुंचे। यह कर्मचारी कई दिनों से बीमार था।
आपको बता दें कि जब रतन टाटा अचानक ही अपने कर्मचारी के घर पहुंचे तो रतन टाटा को कर्मचारी देखकर काफी हैरान हो गया। उस कर्मचारी को अपनी आंखों पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था कि खुद रतन टाटा उससे मिलने के लिए घर पर आए हैं। रतन टाटा ने अपना यह दौरा पूरी तरह से व्यक्तिगत रखा था। मीडिया वालों को इस विषय में किसी भी प्रकार की सूचना नहीं दी गई थी। रतन टाटा चुपचाप पुणे की सोसाइटी में पहुंचे और अपने पूर्व कर्मचारी से मिले।
मिली जानकारी के अनुसार रतन टाटा रविवार की दोपहर करीब 3:00 बजे कोथरूड में गांधी भवन के पास वुडलैंड सोसायटी में पहुंचे थे। उनके साथ किसी भी प्रकार की भीड़ या सुरक्षा नहीं थी। वह चुपचाप यहां पर आए थे। रतन टाटा ने अपने पूर्व कर्मचारी इमानदार के घर पहुंच कर उनसे बातचीत की और उसके हाल-चाल के बारे में जाना। सोसायटी में रहने वाली अंजली पार्डीकर ने बताया कि रतन टाटा देखने में इतने सहज थे कि उन्हें देखकर बिल्कुल भी ऐसा महसूस नहीं हो रहा था कि वह इतने बड़े उद्योगपति हैं। उनका स्वभाव बहुत ही अच्छा था। इतने बड़े उद्योगपति होने के बावजूद भी उनके अंदर घमंड बिल्कुल भी नहीं था।
रतन टाटा की गाड़ी सोसाइटी में दाखिल हुई और वह अपनी गाड़ी से नीचे उतरे और सीधा लिफ्ट में चले गए। अंजलि का ऐसा कहना है कि पहले तो उनको देखकर बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि वह इतने बड़े उद्योगपति हैं, लेकिन जब अंजलि ने कर्मचारियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि हां वह रतन टाटा ही हैं। सोसायटी के अध्यक्ष अभिजीत माकाशिर ने कहा कि रतन टाटा का उनकी सोसाइटी में आना हमेशा के लिए याद रहेगा।