आज ही सेट कर लें ये Couple Goals , कभी नहीं आएगी रिश्ते में दरार
नई जेनरेशन में रिश्ते निभाने के मायने भी नए हैं। या हम यूं कहें कि जिस तरह पहले लोग अपने रिश्तों को निभाते थे, आजकल के युवा थोड़ा अलग तरीके से रिश्ते निभाते हैं। रिश्ते वही होते हैं बस सोच और उसे निभाने के अंदाज नए होते हैं। आजकल आप सोशल मीडिया पर CoupleGoals नाम से हैशटैग ज़रूर देखते होंगे। Couple Goals का मतलब है कि अपने हिसाब से रिश्ते को निभाने के कुछ गोल्स सेट करना। आज हम आपको कुछ उन्हीं कपल गोल्स के बारे में जानकारी देंगे जिन्हें अपनाकर आप अपने रिश्ते को और भी मज़बूत बना सकते हैं।
रिश्ता वही सोच नई-
रिश्तों की डिक्शनरी में हो सकता है ये (Couple Goals) शब्द थोड़ा नया ज़रूर है लेकिन ये शब्द आज की ज़रूरत है। हमने अक्सर देखा होगा कि हमसे पहले की जेनरेशन यानि हमारे माता-पिता का रिश्ता निभाने का तरीका थोड़ा अलग था। पहले महिलाओं की बात को ज़्यादा तवज्जो नहीं दी जाती थी। उनके करियर को इतनी अहमियत नहीं मिलती थी। या फिर दोनों पति-पत्नी में कम्यूनिकेशन गैप भी काफी होता था। आज के युवा अपने कुछ Couple Goals के ज़रिए अपने रिश्ते को बखूबी निभाने की कोशिश करते हैं।
फैमिली काउंसल के एक्सपर्ट्स का मानना है कि ‘नए जमाने के कपल (Couple) अपने पेरेंट्स की तरह जिंदगी नहीं जीना चाहते। वे नहीं चाहते कि उनकी जिंदगी का मकसद सिर्फ उनके बच्चों परवरिश तक ही सीमित हो। बच्चों के अलावा वे खुद भी अकेले में समय बिताना चाहते हैं और अपने रिश्ते और खुद को प्राथमिकता देना चाहते हैं।‘’
सेट करें ये Couple Goals –
लव लाइफ है ज़रूरी- इसमें कोई दो राय नहीं है कि बच्चे होने के बाद उनकी अच्छी परवरिश के लिए उन्हें वक्त देना ज़रूरी है। लेकिन इस चक्कर में कपल्स को खुद की लव लाइफ भी नहीं भूलनी चाहिए। इसके लिए ज़रूरी है इसके हैपनिंग बनाकर रखना। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सेक्स पार्टनर्स के बीच की दूरियों को कम करता है। इससे रिश्ते में एक चार्म और फ्रेशनेस बनी रहती हैं। Couple Goals के फंडे में ये सबसे ऊपर आता है। पार्टरनर्स को अपने रिश्ते में बोरियत लाने से बचना चाहिए। इसके लिए वो नई नई जगहों पर जा सकते हैं। कुछ साथ मिलकर नए एक्सपेरिमेंट्स कर सकते हैं। इससे एक दूसरे के साथ भी रहेंगे और कंपनी भी एन्जॉय करेंगे।
बातचीत ज़रूरी है-
लगभग 60 फीसदी रिश्ते इसीलिए टूट जाते हैं क्योंकि उनमें कम्यूनिकेशन गैप हो जाता है। यानि एक-दूसरे से खुलकर बातचीत न करना। चाहें झगड़ा हो नाराज़गी हो, ज़रूरी है बात करके उसे सोर्ट आउट किया जाए।
एक-दूसरे को समझें –
मान लीजिए कोई भी कपल अलग-अलग प्रोफेशन में है तो ज़रूरी है अपने प्रोफेशन को ज़्यादा बेहतर बताकर लड़ने की बजाए एक दूसरे के प्रोफेशन की रिस्पेक्ट करें। एक दूसरे के काम में सपोर्ट करें, अच्छा प्रदर्शन करने पर एक दूसरे की तारीफ करें। अपने साथी की पसंद नापसंद को समझकर उसकी इज़्जत करें।
साथ में ग्रो (Grow) करें:
साथ में ग्रो करने का मतलब सिर्फ उम्र नहीं है बल्कि इसका ताल्लुक हर चीज़ से है। करियर को लेकर या फिटनेस को लेकर, नई नई चीजें सीखने को लेकर। इन सारी चीजों में एक दूसरे के साथ ग्रो करें। अपने सफलताओं को साझा करें ना कि एक दूसरे को नीचा दिखाएं।