रिटायर्ड कर्नल गर्भवती बेटी के लिए बने मां, किया ऐसा दिल छू लेने वाला काम, लोग बोले- सिपाही कुछ भी कर सकता है
बेटियों को घर की लक्ष्मी कहा जाता है। बेटियां मां-बाप की आंखों का तारा होती हैं। जहां बेटा अगर मां की जान होता है, तो बेटियां अपने पिता का नूर होती हैं। एक पिता के लिए उसकी बेटी दुनिया की सबसे खूबसूरत और बेस्ट बेटी होती है। वहीं बेटियां भी अपने पापा को सुपर हीरो, बेस्ट डैड और अपने पहले प्यार की तरह दिल में जगह देती हैं। एक पिता अपने बच्चों की हर ख्वाहिश पूरी करता है। वक्त वक्त आने पर एक पिता अपने बच्चों के लिए मां भी बन जाता है।
अक्सर देखा गया है कि जब जीवन के सफर में साथी बीच में छोड़कर चला जाता है, तो ऐसी स्थिति में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है परंतु इसके आगे बढ़ते रहना ही जीवन है। इस बात को रिटायर्ड कर्नल संजय पांडे ने बड़ी खूबसूरती के साथ चरितार्थ किया है। जी हां, अपनी पत्नी की मृत्यु के पश्चात उन्होंने अपनी बेटी के लिए मां की जगह भरने के लिए ऐसा काम किया है, जिसे पढ़कर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। रिटायर्ड कर्नल संजय पांडे ने अपनी ट्विटर पर एक भावुक कहानी साझा की है।
गर्भवती बेटी के लिए रिटायर्ड कर्नल बने मां
दरअसल, रिटायर्ड कर्नल संजय पांडे ने अपनी यह भावुक कहानी ट्विटर पर शेयर की है। उन्होंने लिखा है कि “उनकी पत्नी की मौत हो गई थी। इसके ठीक एक साल बाद उनकी बेटी ने बताया- “मैं प्रेग्नेंट हूं और आप नाना बनने वाले हैं।’ क्योंकि प्रेग्नेंसी के दिनों में अक्सर मां बेटी की खूब ख्याल रखती हैं। बतौर एक पिता में अकेला उसके प्रेग्नेंसी के दिनों में यूजलैस ही हूं। जैसे प्रेग्नेंसी से पहले उसकी मदद करना, मैं तो एक फाइटर हूं।” इस दौरान उनकी बेटी विदेश में रह रही थी।
बेटी के लिए पौष्टिक लड्डू बनाया
2. I decided to be my daughters ‘mother’. Right from the day she informed me, I planned her traditional diet, learnt by researching through nights, YouTube, elders, books and everything I could lay my hands on. The FIRST batch of laddus for 30 days was ready. Problem? Delhi & UK!
— Col Sanjay Pande (Retd) (@ColSanjayPande) May 8, 2022
संजय पांडे ने यह लिखा कि “मैंने उस दिन से ही अपनी बेटी की मां बनने का निर्णय ले लिया था, जिस दिन उसने मुझे बताया था। मैंने उसकी डाइट प्लान की। यूट्यूब, बुजुर्गों और किताबों के साथ इसके बारे में जानकारी ली। रात-रात को जाग कर रिसर्च की। 30 दिनों के लिए लड्डू का पहला बैच तैयार हो गया था। पर दिक्कत थी दिल्ली और यूके के बीच की दूरी।”
लड्डुओं को भेजा यूके
रिटायर्ड कर्नल संजय पांडे ने यह भी बताया कि “दिल्ली से यूके लड्डू भेजने की उन्होंने वैक्यूम पैकिंग मशीन, फूड ग्रेड प्लास्टिक जैसी जरूरी चीजें जुटाई। उन्होंने लड्डुओं को पहला बैच भेजने से पहले लड्डू खराब ना हो इसके लिए उन्हें 96 घंटे फ्रिज में रखा गया था। इसके बाद उन्होंने यह लड्डू यूके भेज दिए। यह लड्डू उनकी बेटी के लिए काफी पौष्टिक साबित हुए। 15 दिनों के बाद उन्होंने दूसरी तरह के लड्डू बनाकर तैयार कर लिए ,जो कि 21वें दिन डिस्पैच हुए।
कर्नल ने यह बताया कि इसके बाद यह सिलसिला शुरू हुआ। हर प्रकार का स्वस्थ और पौष्टिक भोजन जो एक पारंपरिक भारतीय मां अपनी बेटी को देती है, वह मेरे द्वारा व्यक्तिगत रूप से बनाए गए थे। स्वच्छता, पोषक तत्वों की गणना, कैलोरी, लड्डू का वजन, भंडारण तकनीकी आदि सभी को सावधानीपूर्वक लिखा गया था। मैंने उसे आठवें महीने तक तरह-तरह के पौष्टिक खाने की चीजें भेजी। कोविड की वजह से वो अपनी बेटी के पास नहीं जा पा रहे थे।
लड्डू बनाने में एक्सपर्ट हो चुके हैं संजय पांडे
संजय पांडे ने अपने ट्वीट्स में यह बताया कि किस तरह से अपनी बेटी की प्रेग्नेंसी का ध्यान रखने के दौरान उन्होंने गर्भवती महिला के लिए लड्डू बनाने में महारत हासिल कर ली। आज वह 12 तरह के ऐसे लड्डू बना लेते हैं जो गर्भवती महिला और उसके बच्चे के लिए काफी जरूरी होते हैं।
वह कहते हैं कि उन्हें अपने आप पर गर्व होता है कि उन्होंने अपनी पत्नी की जिम्मेदारी को अच्छे से निभाया। उनकी बेटी ने अपने पिता के सामने यह कसम खाई थी कि वह सिर्फ और सिर्फ वही खाएगी जो उनके पिता उन्हें देंगे। अब सोशल मीडिया पर यूजर्स कर्नल की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे हैं। उनकी यह कहानी खूब वायरल हो रही है।