ससुर ने पिता बनकर विधवा बहू की फिर से कराई शादी, कन्यादान कर बेटी की तरह किया घर से विदा

शादी का बंधन बहुत पवित्र माना जाता है। जब लड़का-लड़की शादी के पवित्र बंधन में बंध जाते हैं तो वह एक दूसरे का जीवनभर साथ निभाने का वादा करते हैं और हर मुश्किल परिस्थिति में एक दूसरे का साथ देने का वचन देते हैं। लेकिन कई बार जीवन में ऐसी भी कठिनाइयां उत्पन्न हो जाती हैं, जब किसी कारणवश पति या पत्नी में से कोई एक दुनिया को छोड़ कर चला जाता है। ऐसे में अकेले जीवन काटना बहुत मुश्किल हो जाता है। कई लोग तो डिप्रेशन में भी चले जाते हैं।

महिलाओं के लिए एक विधवा की जिंदगी जीना तो बहुत मुश्किल हो जाता है। प्राचीन समय में कई गलत प्रथाओं की वजह से विधवा महिलाओं पर अत्याचार किए जाते थे। परंतु समय के साथ-साथ बहुत कुछ बदल गया है। आधुनिक काल में शिक्षित समाज में विधवा पुनर्विवाह को बुरा नहीं समझा जाता है। लेकिन आज भी कट्टर धार्मिक लोगों और देहाती, अनपढ़ समाज में विधवाओं की दशा बड़ी शोचनीय है। अतः विधवा पुनर्विवाह की समस्या किसी न किसी रूप में अभी भी उपस्थित है।

लेकिन कभी-कभी समाज से अच्छी परंपराओं की खबरें भी सुनने को मिल जाती हैं। ऐसे में समाज के सुधार की उम्मीदें बढ़ जाती हैं। आज हम आपको उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक मामले के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर ससुर ने विधवा बहू की फिर से शादी कराई और बेटी की तरह कन्यादान किया।

ससुर ने विधवा बहू की कराई शादी

दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के बड़गांव कस्बे के सावंत खेड़ी गांव का है। यहां के पूर्व प्रधान जसपाल सिंह ने अनोखी मिसाल पेश की है। उन्होंने अपनी विधवा बहू का धूमधाम से पुनर्विवाह करा कर उसकी फिर से नई दुनिया बसा दी है। जगपाल सिंह ने ना सिर्फ पिता बनकर अपनी विधवा बहू की दोबारा शादी कराई बल्कि बेटी की तरह कन्यादान किया और बेटी की तरह घर से विदा भी किया। उनके इस सराहनीय फैसले की पूरे इलाके में जमकर तारीफ हो रही है।

शादी के 3 महीने बाद ही हो गई थी विधवा

आपको बता दें कि जगपाल सिंह के बेटे शुभम राणा की शादी साल 2021 में मेरठ जिले के सलावा गांव की निवासी मोना से हुई थी। परंतु घर में शादी की खुशियां ज्यादा वक्त तक ना टिक पाई। अभी शादी के महज तीन ही महीने हुए थे कि शुभम ने खुद को गोली मारकर अपने जीवन की लीला समाप्त कर ली। बेटे की मृत्यु के पश्चात जगपाल सिंह के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट गया। वहीं उनको अपनी बहू के भविष्य की चिंता भी सताने लगी।

बेटे की मृत्यु के पश्चात परिवार पूरी तरह से टूट गया था। बेटे की मृत्यु के पश्चात ससुर ने अपनी बहू को बेटी की तरह पाला। वहीं बहू के भविष्य की चिंता भी दिन-रात सता रही थी। जगपाल सिंह ने फिर अपनी बहू की दूसरी शादी कराने का फैसला लिया। उन्होंने इस संबंध में अपनी बहू की राय भी ली।

जब बहू ने शादी के लिए हां कर दी तो उन्होंने हरियाणा के गोलनी निवासी सागर से अपनी बहू का रिश्ता पक्का कर दिया। सागर के परिवार से पहले से ही उनकी रिश्तेदारी थी। वह रिश्ते में पूर्व प्रधान जगपाल सिंह के भांजे भी लगते हैं। फिर सहारनपुर कस्बे के एक बैंकट हॉल में पूरे धूमधाम से शादी संपन्न हुई।

बहु को बेटी की तरह घर से किया विदा

जगपाल सिंह ने अपनी बहू की धूमधाम से शादी करा दी। बेटी की तरह कन्यादान कर उसे घर से विदा किया। इतना ही नहीं बल्कि बहू को गिफ्ट में कार और लाखों रुपए का सामान भी दिया। जगपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी बहू को हमेशा बेटी की तरह माना और उसके भविष्य को देखते हुए उसका पुनर्विवाह किया है। उन्होंने बताया कि उनका भांजा सागर पढ़ा-लिखा और संपन्न परिवार से है। जगपाल सिंह ने बहु को बेटी जैसा प्यार देकर अनोखी मिसाल पेश की है।