जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इस दुनिया में हर तरह के लोग रहते हैं। कई लोग अच्छे होते हैं, तो कई लोग बुरे होते हैं। कई लोगों के पास इतना पैसा होता है कि वह दुनियाभर में अपनी रईसी दिखाते रहते हैं परंतु कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास चाहे कितना भी पैसा हो परंतु वह साधारण जिंदगी जीना पसंद करते हैं।
आप सभी लोगों ने यह अंग्रेजी की कहावत तो सुनी ही होगी “डोंट जज ए बुक बाई इट्स कवर…।” इसका मतलब यह है कि किसी भी व्यक्ति को किसी वस्तु के मूल्य या मूल्य को केवल उसकी बाहरी रूप से नहीं देखना चाहिए। वह आदमी बहुत छोटा या दिखने में गरीब और तुच्छ लग सकता है लेकिन उसके आवरण से उसको कंपेयर मत कीजिए। वह एक शक्तिशाली आदमी भी हो सकता है।
हमारे देश में यह कहावत कई बार साबित हो चुकी है। हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग रहते हैं, जो लोगों के उनके पहनावे से ही जज करने लगते हैं। चाहे इंसान कितना भी मालामाल हो परंतु अगर उसने ढंग के कपड़े नहीं पहन रखे हैं तो लोग उसे कंगाल ही समझ बैठते हैं। इसी बीच एक मामला कर्नाटक के तुमकुर से सामने आया है, जहां पर एक किसान जब महिंद्रा के शोरूम में अपने ड्रीम कार लेने पहुंचा तो सेल्समैन ने उसे यह कहकर जलील कर दिया कि “जेब में 10 लाख रुपए तो दूर 10 रुपए भी नहीं होंगे…।”
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना Chikkasandra Hobli में किसान केम्पेगौड़ा आरएल (Kempegowda RL) के साथ हुई है। जब वह अपने दोस्त के साथ महिंद्रा शोरूम में एक SUV खरोदने के लिए पहुंचे थे। केम्पेगौड़ा पेशे से सुपारी किसान हैं। यह आरोप है कि जब उन्होंने वहां मौजूद सेल्समैन से गाड़ी के रेट को लेकर पूछताछ की तो उनकी वेशभूषा को देखने के बाद वहां पर एक सेल्समैन ने उनका मजाक उड़ाया।
ऐसा बताया जा रहा है कि केम्पेगौड़ा अपनी SUV बुक करने आया था और 2 दिन पहले ही वह शोरूम आकर डील फाइनल भी कर चुका था। साथ ही उसने 2 लाख की डाउन पेमेंट भी पहले ही कर दी थी। इसके बाद जब वह 2 दिन के बाद फिर से शोरूम में आया तो सेल्समेन ने उसके कपड़े देखकर उसका मजाक उड़ाया।
केम्पेगौड़ा ने ऐसा दावा किया है कि सेल्समैन ने तो उनसे यह तक कह दिया था कि उसकी जेब में 10 लाख तो छोड़ो 10 रुपए भी नहीं होंगे। उसके बाद सेल्समैन ने किसान से कहा कि अगर वह 30 मिनट के अंदर 10 लाख रुपए कैश ले आता है तो उसे आज ही गाड़ी की डिलीवरी दे दी जाएगी।
बस फिर क्या था, केम्पेगौड़ा को अपनी बेज्जती बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुई और वह वहां से तुरंत निकले और कुछ ही देर में 10 लाख रुपए इकट्ठे करके SUV की डिलीवरी लेने शोरूम पहुंच गए। यह देखकर वहां मौजूद लोग हैरान हो गए। लेकिन विवाद तब शुरू हुआ जब सेल्स टीम ने केम्पेगौड़ा को बताया कि गाड़ी की डिलीवरी के लिए कम से कम दो-तीन दिन चाहिए।
यह घटना बीते शुक्रवार को हुई है। उस दिन कार की डिलीवरी नहीं हो सकी। इसके बाद से टीम ने शनिवार और रविवार को भी सरकारी अवकाश का हवाला देते हुए डिलीवरी नहीं कर पाने की बात कही। केम्पेगौड़ा और उसके दोस्त नाराज हो गए और पुलिस को बुला लिया और बिना गाड़ी लिए शोरूम छोड़ने से मना कर दिया।
केम्पेगौड़ा ने शोरूम के सामने धरना देने की चेतावनी भी दी। हालांकि, पुलिस ने किसी तरह मामले को सुलझाने की कोशिश की और उन्होंने उन्हें समझाया, जिसके बाद सेल्समैन द्वारा माफी मांगने के बाद किसान केम्पेगौड़ा अपने घर चले गए। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।