‘सांड की आँख’ फिल्म की प्रोड्यूसर निधि ने डोनेट किया 100 लीटर ब्रेस्ट मिल्क, बताई यह बड़ी वजह

फिल्म ‘सांड की आंख’ तो आप सभी लोगों ने देखी ही होगी. इस फिल्म की निर्देशक निधि परमारा हीरानंदानी इस वक्त सुर्ख़ियों में बनी हुई जिसका कारण उनकी आने वाली फिल्म नहीं है बल्कि वह अपने एक बेतुके बयान को लेकर सुर्खियों में छाई हुई है. इसमें उन्होंने कहा है कि उन्होंने 100 लिटर ब्रेस्ट मिल्क डोनेट किया है और इसके पीछे की वजह भी बताई है. दरअसल बात कुछ ऐसी है कि कुछ समय पहले निधि परमार ने एक इंटरव्यू दिया था. जिसमें उन्होंने अपने निजी और पर्सनल लाइफ को लेकर कई खुलासे किए थे. उन्होंने बताया था कि 37 साल की उम्र में उन्होंने अपने प्रेगनेंसी एग्स फ्रीज़ कर लिए थे. उन्होंने आगे कहा कि जब उनके माँ बनने का सही समय था तो वह अपने करियर को बनाने के इतना व्यस्त थी कि उनके पास एग्स फ्रीज़ करवाने के इलावा दूसरा कोई आप्शन नहीं था. इसके इलावा उन्होंने बताया कि वह उनके करियर का डाउनफॉल था जब उन्हें कठिन संघर्ष करना पड़ रहा था.

स्ट्रगल भरी रही शुरुआत

उन्होंने मुंबई में आकर असिस्टेंट डायरेक्टर से लेकर टैलेंट एजेंट तक सब काम किए . इस बीच उन्हें अपना लाइफ पार्टनर मिल गया और उन्होंने उससे शादी रचा ली. निधि की इस लाइफ जर्नी की कहानी ह्यूमन ऑफ बॉम्बे ने इंस्टाग्राम पर साझा की थी. इसमें लिखा था कि, “मैं 36 साल की हो चुकी थी मैं मां बनना चाहती थी. लेकिन साथ में समय मेरे लिए मेरा करियर सबसे ज्यादा जरूरी था. क्योंकि शादी करने से बहुत पहले मैं फिल्ममेकर बनने का सपना लेकर मुंबई में आई थी इसलिए मैंने अपने एग्स फ्रीज़ करवा लिए थे. मुंबई में अपना नाम बनाने के लिए मुझे बहुत स्ट्रगल करना पड़ा यहाँ तक कि मैंने अपना खून पसीना तक एक कर दिया. मैंने बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर भी काम किया जबकि मेरा सपना फिल्म में कर बनने का था. अपने इन्हीं स्ट्रगल के दिनों में मुझे मेरा लाइफ पार्टनर मिल गया और मैंने विवाह रचा लिया. जब मैं 30 साल की हुई और शादी के काफी समय बाद भी मैंने किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया तब समाज और मेरे माता पिता ने मुझे पूछना शुरु कर दिया कि तुम कब बच्चा पैदा करने वाले हो और कब इसके लिए योजना बना रहे हो बस उनकी यही बातें मेरे दिमाग में घूमने लगी.”


हसबैंड हैं सपोर्टिव

निधि ने आगे कहा, “मेरे हसबैंड काफी समझदार थे उन्होंने  करियर के लिए मुझे एग्स फ्रीज़ करवाने की सलाह दी और मैंने मेरे हस्बैंड द्वारा दी गई सलाह को मान लिया और अपने लक्ष्य पर भी ध्यान दे देना शुरू कर दिया. हालांकि इस मैटर पर खुलकर बात करना मेरे लिए बहुत मुश्किल काम था. इसके बाद मेरे हस्बैंड ने यह भी सलाह की कि अगर एग्स फ्रिज करने वाली तरकीब ने काम नहीं किया तो हम दोनों मिलकर एक बच्चा गोद ले लेंगे. लेकिन हमारी यह बात हमारी फैमिली को बिल्कुल भी पसंद नहीं आई. यहां पर आकर मुझे मेरी एक पुरानी दोस्त की याद आ गई जिसने कहा था कि कि तुम बच्चा पैदा करने के लिए दादी की उम्र तक क्यों जाना चाहती हो और उसकी यह बात मेरे दिल को छू गई. लेकिन मुझे पता था समय के साथ सब जख्म भर जाएंगे मैं सब कुछ भूल कर अपनी आने वाली फिल्म ‘सांड की आंख’ का निर्देशन करने लगी और यह मूवी बनने के बाद मुझे यह महसूस हुआ कि अब मैं मां बनने के लिए तैयार हूं. उसी दौरान में नेचुरल प्रेग्नेंट भी हो गई.”

इसके बाद निधि ने अपनी निजी जिंदगी के बारे में जानकारी होते ते हुए कहा की प्रेग्नेंसी के 9 महीने काफी मैजिकल होते हैं. और अब मुझे अपने होने वाले बच्चे की फ्यूचर पर ध्यान देना था जब मैंने अपने बच्चे को पहली बार देखा तो उसके सामने दुनिया की हर खुशी फीकी हो गई यह सबसे अलग है एहसास था. जब मैं वीर की मम्मी बनी तो मैं 40 साल की थी. और मुझे अपने बच्चे और करियर दोनों को एक साथ लेकर चलना था. लेकिन मैंने सब कुछ संभाल लिया और मैं आज बहुत खुश हूं मैं अपनी यह कहानी पब्लिश करके उनमें महिलाओं तक पहुंचाना चाहती हूं जो अपने करियर के डर से बच्चे को जन्म देने से कतराती है ताकि मेरी यह कहानी उनको हिम्मत दे.

इसमें आगे निधि ने 100लीटर ब्रेस्ट मिल्क डोनेट करने वाली बात भी बताई है. उन्होंने बताया कि, “जब करोना बीमारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ था तब मैंने प्रीमेच्योर बेबी को अपना 100 लीटर ब्रेस्ट मिल्क डोनेट किया था और आज मैं वीर की मम्मी के साथ-साथ एक प्रोड्यूसर भी हूँ.”