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मोटर मैकेनिक के बेटे की बड़ी कामयाबी आई सामने, अमेरिका में स्कालरशिप पाकर किया उसी स्कूल में टॉप

“लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती| “ यह बात अक्सर ही कई लोगों ने अपनी ज़िन्दगी में सच कर दिखाई है| आज हम आपके लिए जो ये पोस्ट लेकर आये हैं वह भी कुछ इसी से जुडी हुई है| जी हां आज हम आपको मिलाने वाले हैं उत्तर प्रदेश के ही एक छोटे से गुदड़ी के लाल से जिसने अपने पिता का सर फक्र से ऊंचा कर दिया है| यह कहानी है शादाब की जो के अलीगढ़ के रहने वाले हैं|

शादाब की बात करें तो आज इसने वो कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी करना  इनके पिता या रिश्तेदारों के लिए सपना था| शादाब ने यह साबित कर दिया के अगर पूरे लगन से किसी काम को किया जाये तो सफलता जरूर मिलती है| पर अक्सर लोग विचलित हो जाते हैं और रास्ते में आई मुश्किलों को पार नहीं कर पाते हैं| साथ ही शादाब ने इस बात का भी सबूत दिया के अगर आप में काबिलियत और लगन है तो गरीबी आपकी राह में बाधा नहीं बन सकती|

जी हाँ शादाब के बारे में हम अगर आपको बताएं तो इनके पिता शहर के एक छोटे पिता मोटर मैकेनिक हैं| लेकिन इनकी लगन और मेहनत ने आज उसके साथ पिता का नाम भी ऊँचा कर दिया है

जब अमेरिका में टॉप क्र गया मोटर मैकेनिक का बेटा

इस मोटर मैकेनिक के बेटे शादाब ने बीते साल अमेरिका में स्कॉलरशिप पाई| बता दें के इसी के साथ स्गादाब के घर से भी उन्हें साथ मिला| और उसने अपनी पढाई अमेरिका जाकर पूरी करने का फैसला लिया| लेकिन इतने के बाद भी शादाब ने लोगों को तब हैरान क्र दिया| जब उन्होंने अपने अमेरिका के स्कूल में 10वीं में टॉप किया| यह शायद शादाब का हौसला और मेहनत ही थी जिसने उसे इतना आगे पहुँचाया|

शादाब ने साल 2018 में केनेडी – लूगर यूथ एक्सचेंज की स्कॉलरशिप जीती थी| जिसे क्वालीफाई करने पर उन्हें तकरीबन 20 लाख रुपये इनाम दिए गए थे| इसके बाद अब शादाब ने अपनी पढाई अमेरिका में करने का फैसला लिए इसके बाद उन्होंने 10वीं में अपने स्कूल में टॉप न सिर्फ अपने देश भारत बल्कि अपने प्रदेश का भी नाम उचा किया है|

परिवार में खुशी की लहर

परिवार की बात करें तो शादाब का ताल्लुख ऐसे परिवार से है जिसकी आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं है| 25 सालों से उनके पिता एक मोटर मैकेनिक ही हैं और इसी व्यवसाय के साथ पूरे घर का खर्च लेकर चल रहे हैं| पर अब जब बेटे ने माता-पिता को अपनी इस बड़ी कामयाबी की खबर दी है उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है| और अपने माँ- पापा को खुश देखकर शादाब का भी मनोबल कुछ हद तक जरूर बढ़ा होगा|

हम आपको बता दें के बेटे को शादाब के पिता IAS बनाना चाहते थे| और आज की तरीक में शादाब भी अपने पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए निरंतर मेहनत कर रहे हैं| जिससे शादाब को संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार अधिकारी के रूप में काम करने का सपना सच हो|

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