बुजुर्ग पिता को बेटा-बहू ने घर से निकाला, SDM साहब ने उससे पिता के धुलवाए पैर, माफी मांग खूब रोया बेटा
पिता और बेटे का रिश्ता काफी अलग और खास होता है। हमेशा ही एक बेटे की नजरों में उसका पिता सुपरहीरो होता है। इसके साथ ही बेटे को समय के साथ-साथ अपनी जिम्मेदारियां भी समझ आने लगती हैं और जब वह अपनी जिम्मेदारियों को समझता है, तो पिता के प्रति उसका प्यार और आदर भाव अधिक बढ़ जाता है। पिता वह होता है जो अपने परिवार और अपने बेटे के लालन-पोषण के लिए खुद के कई सपनों को मार देता है।
एक पिता अपने बेटे को बचपन में किस प्रकार से पालता है, यह बात हर कोई अच्छी तरह से जानता है। पिता अपने बेटे की हर खुशियों का पूरा ध्यान रखता है। जब बेटे से कोई भी गलती हो जाती है, तो पिता उसे तुरंत माफ कर देता है लेकिन आजकल के समय में ऐसी कई खबरें निकलकर सामने आती हैं, जब माता-पिता बूढ़े हो जाते हैं तो अक्सर बच्चे उनकी संपत्ति हड़पने की कोशिश में लगे रहते हैं।
आजकल के कुछ ऐसे भी बच्चे हैं, जो अपने बुजुर्ग माता-पिता को बोझ समझते हैं और घर से निकाल देते हैं। ऐसे में बेसहारा बुजुर्ग जाएं तो जाएं कहां? इसी बीच मध्यप्रदेश के जबलपुर से एक मामला सामने आया है, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल, यहाँ बेटा-बहू ने बुजुर्ग पिता को घर से बाहर निकाल दिया। लेकिन बुजुर्ग कुछ ना कर सका। बुजुर्ग रोता हुआ SDM साहब के पास पहुंच गया, उसके बाद एसडीएम साहब ने जो समझाइश लगाई, वह मिसाल बन गई है। तो चलिए जानते हैं आखिर यह पूरा मामला क्या है।
विवाद का पूरा मामला यह था
आपको बता दें कि जबलपुर के आनंद गिरी की उम्र 80 वर्ष की हो चुकी है। पिता ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उनका बेटा तामेश्वर और बहुत सुलोचना उन्हें प्रताड़ित करते हैं, उन्हें घर से निकालने पर उतारू हैं। वहीं सरकार द्वारा दिए गए प्लॉट पर बने मकान पर भी कब्जा कर लिया है।
उन्होंने अपनी शिकायत में यह बताया था कि उनका बेटा उनकी जान लेने की कोशिश करता है। जब इस बात को SDM साहब ने सुनी, तो बेटे और पिता को कोर्ट में बुलाया, जहां दोनों को बचपन के दिन याद दिलाकर समझाइश दी गई। इसके बाद दोनों हंसी खुशी एक साथ अपने घर को चले गए।
बुजुर्ग को बेटा-बहू ने प्रताड़ित कर घर से निकाला
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एक बुजुर्ग को उनके बेटे और बहू ने घर से निकाल दिया था। जब यह मामला पिता एसडीएम कोर्ट में लेकर पहुंचा, तो वहां पर बेटे को बुलाया गया और एसडीएम ने दोनों बाप-बेटे को बैठा कर उनका बचपन याद दिला दिया। बेटे से कहा कि “तुम्हें याद है जब तुम छोटे थे, तो पापा किस तरह तुम्हें संभालते थे, इसलिए बुजुर्ग भी बच्चे की तरह होते हैं। अब तुम्हारा फर्ज है कि तुम अपने पिता को बच्चे की तरह संभालो।”
इसी दौरान उन्होंने पिता को भी समझाया कि “तुम बचपन में अपने बेटे की छोटी-छोटी गलती को भूल जाते थे, उसकी नादानी समझते थे। इसलिए अब भी अगर वह कोई गलती करता है तो उसे नजरअंदाज करो। वह तुम्हारा ही बेटा है।” उन्होंने कहा कि “अब बेटे की भूल को माफ कर दीजिए।”
जब SDM साहब की इस तरह की बातों को बेटा और पिता ने सुना, तो उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे गए, जिसके बाद बेटे ने पिता से माफी मांग ली और उन्हें अपने साथ ले जाने के लिए राजी हुआ।
कोर्ट में ही बेटे ने धोए पिता के पैर
जब कोर्ट में दोनों को समझाने के बाद वह भावुक हो गए तो उनकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। ऐसे में SDM साहब ने कोर्ट में ही बाल्टी मंगवाई, जिसमें पानी भरकर मंगवाया गया था। इसके बाद बेटे ने पिता के पैर बाल्टी में रखकर धोए। वहीं कान पकड़कर माफी भी मांगी थी।
बेटा बोला- अब कभी कोई गलती नहीं करूंगा, अगर कोई गलती हो तो मुझे दो थप्पड़ मार देना। मगर अब हम साथ रहेंगे। पापा आपका अच्छे से ख्याल रखूंगा। इसके बाद बेटा अपने पिता को साथ ले गया।