10 राज्यों में लगभग 7 सालों तक करता रहा माँ की तलाश, माँ-बेटे के मिलन को देख सबके छलक पड़े आंसू
अक्सर ही ऐसा होता है के घर के कुछ सदस्य तनाव या मुश्किल स्थितियों को देखकर अधिक वक्त तक हालातों को नहीं झेल पाते| और ऐसी ही एक महिला से आज हम आपको मिलाने जा रहे हैं| इस महिला का नाम दुलारी मंडल है जो के पश्चिम बंगाल के मालदा की रहने वाली हैं| घर में लम्बे वक्त से दुखों का माहौल बना हुआ था और इससे दुलारी जी काफी प्रशन थी और जब उनसे यह सब देखा न गया तो उन्होंने घर छोड़ दिया|
तनाव की स्थितियां तब से शुरू हुई जब साल 2008 में इनके पति नें दुनिया को अलविद कह दिया| और इसके बाद पूरे घर का कार्यभार बड़े बेटे के कंधों पर आ गया| घर छोड़ने के बाद इनके घर में इनके दो बेटे और एक बेटी घर में अकेले बचे थे| माँ सबसे अधिक तब टूटी थी जब उसे 3 साल बाद ऐसी खबर मिली के पति के बाद रोजी रोटी कमाने हरियाणा गया उसका बड़ा बेटा भी दुनिया में नही रहा|
इस सब के बाद साल 2013 में सुजीत की बहन की शादी तय हो गयी जिसके बाद घर में माहौल काफी अच्छा हो गया था| पर नजाने अचानक ऐसा क्या हुआ के सुजीत की बहन भी दुनिया छोड़ गयी| और इतना सब देखने के बाद माँ का घर में रुका न गया और इन्होने घर छोड़ दिया| पर इनके सबसे छोटे बेटे सुजीत नें आखिरी दम तक कोशिश की और तकरीबन 7 सालों बाद वह अपनी माँ को तलाशने में कामयाब रहा|
7 साल की तलाश, 10 राज्यों में ढूंढने के बाद मिलीं दुलारी
सुजीत नें बताया के माँ की तलाश को बीते 7 सालों से कर रहा था जिसमे उसने देश के देश के तमाम इलाकों को छान मारा| कुल 10 राज्यों में तलाश करने के बाद सुजीत को उसकी माँ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मिली जहाँ इन दोनों के मिल्न को देख सभी की आँखें नम रह गयीं|
बेटे को देखकर रुक नहीं रहे थे आंसू
पुलिस को गोरखपुर रोडवेज पर मानसिक रूप से असहाय अवस्था में दुलारी मिली जहाँ से उन्हें ले जाकर पुलिस नें उन्हें मातृछाया संस्था में पहुंचा दिया| यहाँ एक मनोचिकित्सक द्वारा इनका इलाज़ कराया गया जो लगभग 4 महीनों चला पर 2 महीने में ही इनके हालात काफी सुधर गये थे|
नवंबर के पहले हफ्ते में बताया नाम-पता
इसके बाद दुलारी नवंबर के पहले हफ्ते में अपना नाम और पता बताने में समर्थ हुई और इसके बाद पुलिस नें इस थाने में बातचीत की| यह से पुलिस को सुजीत की जानकारी मिली और सुजीत को जैसे ही पता चला के माँ गोरखपुर में है वो रात में ही गोरखपुर के लिए रवाना हो गया| दुलारी नें बताया के वो कोलकाता और मुंबई गयी थी जो के उन्हें याद है पर वो गोरखपुर कैसे पहुंची यह उन्हें पता नही है| हांलांकि अब बेटा सुजीत और माँ दुलारी दोनों ही साथ है|