बोयतराम डूडी की पिछले 64 सालों से आ रही है पेंशन, महज 19 रूपये से शुरू होकर अब हर माह आ रहे हैं 35 हजार रूपये
इन दिनो सोशल मीडिया पर राजस्थान के एक शख्स खूब वायरल हो रहा है. ख़ास बात यह है कि इस शख्स की उम्र 98 साल है और इनका नाम बोयतराम डूडी है. इस शख्स की सुर्खियों में रहने की पीछे की वजह है कि यह पिछले 64 सालों से सरकारी पेंशन हासिल कर रहे है. उनकी पेंशन ₹19 से शुरू हुई थी और आज के समय में वह बढ़कर ₹35000 हो गई है. अपनी पेंशन के चलते ही वो बोयतराम डूडी इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा का विषय बने हुए हैं. आइए जानते हैं कि आखिरकार क्या है राजस्थान में रहने वाले इस बुजुर्ग व्यक्ति की पूरी कहानी.
बोयतराम डूडी रह चुके हैं सेना के पूर्व सैनिक
जानकारी के लिए आप सभी लोगों को बता दे कि बोयतराम डूडी इंडियन आर्मी में पूर्व सैनिक भी रह चुके हैं. यह बुजुर्ग शख्स दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान छह मोर्चों पर जंग का हिस्सा भी रहे हैं. गौरतलब है कि राजस्थान में 64 साल तक पेंशन पाने वाले यह अकेले इंसान हैं. बोयतराम मुख्य रूप से राजस्थान के झुंझुनूं जिले के भोड़की गांव के रहने वाले हैं. अपने एक इंटरव्यू के दौरान वो यात्रा में दूसरे विश्वयुद्ध के भयानक मंजर से लेकर लंबे समय तक पेंशन प्राप्त करने का रिकॉर्ड बनाने तक बोयतराम ने अपनी सारी कहनी बताई है. राजस्थान की रहने वाली है सबसे पिछले छह दशक से पेंशन लेने का एक अनूठा रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज करा चुके हैं.
गांव भोड़की में हुआ था बोयतराम का जन्म
गौरतलब है कि बोयतराम का कहना है कि उनका जन्म 21 जुलाई 1923 में राजस्थान के गांव भोड़की में हुआ था. जब उनकी उम्र महज 19 साल थी तब वह आर्मी में भर्ती हो गए थे. इस दौरान उन्हें राज रिफ में पोस्टिंग मिली थी. साल 1939 से लेकर 1945 के बीच में दूसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत हुई. तो दूसरे सैनिकों के साथ उनको भी लीबिया और अफ्रीका में लगे 6 मोर्चों पर जंग लड़ने के लिए भेज दिया गया.इस युद्ध के दौरान वह बड़ी बहादुरी से लड़े.
बहादुरी के लिए जीते 4 मेडल
बता दे कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बोयतराम की बटालियन के लगभग 80 फ़ीसदी सैनिक युद्ध में शहीद हो गए थे. इसके बावजूद भी राजस्थान के इस शख्स ने युद्ध में बड़ा साहस दिखाया. खत्म हो जाने के बाद बोयतराम जब भारत वापस लौट आए तो इनकी मुलाकात महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू से हुई. दुसरे युद्ध में साहस और बहादुरी दिखाने के लिए इनको 4 मेडल भी प्रदान किए गए थे. जिसके बाद यह शख्स 1957 में रिटायर होकर पेंशन पर आ गए शुरुआत में इन को महज ₹16 पेंशन दी जाती थी. लेकिन अब इनकी पेंशन की ₹35000 हो गई है. गौरतलब है कि बोयतराम नाम का यह बजुर्ग झुंझुनूं जिले में सबसे लंबे समय तक पेंशन लेने वाला पूर्व सैनिक है.
गांव वालों ने किया पूर्व सैनिक का सम्मान
जानकारी के लिए आप सभी लोगों को बता दें कि बीते शुक्रवार राजस्थान के इस पूर्व सैनिक का जन्मदिन था इसी के साथ उन्होंने अपनी जिंदगी के 98 साल पूरे कर लिए हैं. इस जन्मदिन में इन को सम्मान देने के लिए भोड़की सरपंच नेमीचंद जांगिड़, पत्रकार राजकुमार सैनी, भोड़की स्टेडियम समिति के अध्यक्ष गिरधारी लाल गुप्ता, ऑडिटर जगदेव सिंह गोदारा, कोषाध्यक्ष सांवलराम बुगालिया, कोच सूबेदार मेजर रोहिताश गिल, सूबेदार सुभाष चंद्र गढ़वाल जैसे माननीय लोग शामिल हुए थे.