कभी जेवलिन खरीदने तक को नही थे पैसे, आज टोक्यो में मेडल जीत कर नीरज बढ़ा चुकें हैं देश का गर्व
हाल ही में संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत कर गौरवान्वित करना वाले नीरज ने बड़ी ही मेहनत और मुश्किल समय से आगे बढ़ कर यह मेडल प्राप्त किया है. आपको बता दें कि वह अपने गाँव से 15 किमी दूर रह कर इसकी ट्रेनिंग लिया करते थे. काफी मुश्किल समय से गुजरे नीरज के पास एक समय पर जेवलिन खरीदने के रुपये भी नहीं थे पर फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी थी और अपने हार्ड वर्क से यह सफलता पा ली.
दरअसल नीरज चोपड़ा साल 1997 में 24 दिसंबर में जन्मे थे एक इंटरव्यू में नीरज चोपड़ा ने कहा कि था कि उनकी मां घरेलू महिला हैं और उनका परिवार फाइनेंसशियल रूप से ज्यादा सक्षम नहीं था. कहते है कि नीरज चोपड़ा एक गरीब फैमिली से थे. शुरुआती समय में उनके पास भाला खरीदने के पैसे नही इसीलिए वह 6 हजार से 7000 के भाले से पानीपत में प्रयास करते थे.
गौरतलब है कि अपनी मेहनत और जज्बे से नीरज ने एक ख़ास मुकाम प्राप्त किया है. दरअसल कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीतने पर हरियाणा सरकार ने नीरज को 1.50 करोड़ रुपए दिया था जिससे नीरज ने गाँव में सुख-सुविधा वाले मकान को बनवाया था लेकिन अब नीरज की हालत में बहुत सुधार आ गया है.
इनकी सफलता की बात करें तो भारत के नीरज चोपड़ा ने अपने पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर दूर भाला फेंक कर फाइनल में जगह बना ली थी. वहीं पाकिस्तानी अरशद नदीम ने पूल बी में 85.16 मीटर भाला फेंक कर टॉप 12 में जगह बना ली थी और फाइऩल में पहुंच गए थे. भारत के नीरज चोपड़ा ग्रुप ए में टॉप पर रहे है और पाकिस्तान के अरशद नदीम भी अपने ग्रुप में टॉप पर थे लेकिन पाकिस्तान के नदीम पहले राउंड में कुछ खास नहीं कर सके.
आपको बता दें कि नीरज के स्वर्ण जीतने पर बधाइयों की लाइन लग गई थी. राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री ने उन्हें शुभकामना और बधाई दी है. वहीं ओलंपिक गेम्स में भारत को नीरज ने एथलेटिक्स का पहला स्वर्ण पधक दिलाया है. आपको बता दें कि इंडिविजुअल स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज सिर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं. इससे पहले 2008 में शूटिंग में अभिनव बिंद्रा ने इंडिविजुअल स्वर्ण पदक देश के लिए जीता था.