शिक्षिका के ट्रांसफर पर गले लगकर फूट-फूटकर रोए स्टूडेंट्स, बच्चे बोले- मैम ने हमें पढ़ाया, ये हमारा सौभाग्य है
जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं एक विद्यार्थी के जीवन में एक शिक्षक ही एक महत्वपूर्ण इंसान होता है, जो अपने ज्ञान, धैर्य, प्यार और देख-भाल से उनकी पूरी जिंदगी को एक मजबूत आकार देता है। अपने हर विद्यार्थी के बारे में एक शिक्षक को यह पता होता है कि उसका विद्यार्थी का मन पढ़ाई में कैसा लगता है। हमेशा ही एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं ताकि उनका पढ़ाया हुआ विद्यार्थी भविष्य में एक सफल व्यक्ति बन सके।
शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थियों के जीवन को बनाने में निस्वार्थ भाव से अपनी सेवा देते हैं। उनके समर्पित कार्य की तुलना किसी अन्य कार्य से नहीं की जा सकती। इसी बीच टोंक के सरकारी स्कूल में गुरु और शिष्य में अटूट प्रेम देखने को मिला है। देवली ब्लॉक के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चांदसिंह पुरा की शिक्षिका के ट्रांसफर पर वहां के बच्चे फूट-फूटकर रोए।
शिक्षिका की विदाई पर पूरा स्कूल रो पड़ा। जब विदाई का समय आया तो अपनी फेवरेट टीचर से बिछड़ने का गम छलक उठा। बच्चे अपनी प्रिय मैम के गले लगकर फूट-फूटकर रोए। बच्चों का प्यार देख टीचर भी खुद को रोक नहीं पाईं। गले लगकर वह भी रोने लगीं। यह क्षण को जिसने भी देखा उसकी आंखों में भी आंसू आ गए।
आपको बता दें कि देवली कस्बे के चांद सिंह पुरा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल की शिक्षिका गरिमा कंवरिया (30) का बीकानेर ट्रांसफर हो गया। यह खबर जैसे ही बच्चों तक पहुंची तो वह मायूस हो गए। जब टीचर की विदाई का वक्त आया तो छात्र-छात्राएं अपने फेवरेट मैम से बिछड़ने का गम सहन नहीं कर पाए और टीचर के गले लगकर फूट-फूटकर रोने लगे। वहीं बच्चों का प्यार और अपनत्व देखकर शिक्षिका गरिमा भी बच्चों से लिपट कर रोने लगीं।
गरिमा के द्वारा बताया गया कि वह पिछले 4 साल से इसी विद्यालय में कार्यरत थीं। वरिष्ठ अध्यापिका के रूप में प्रथम नियुक्ति इसी विद्यालय में हुई। शिक्षिका ने भावुक होते हुए कहा कि यहां के शिक्षक साथियों और विद्यार्थियों को मैं कभी भूल नहीं पाऊंगी। वहीं विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि टीचर गरिमा का परिणाम 4 वर्षों में शत-प्रतिशत रहा है। साथ ही शिक्षिका ने अपने कार्य के प्रति कभी लापरवाही नहीं की। गरिमा अंग्रेजी विषय की अध्यापिका के पद पर कार्यरत थीं और विद्यालय में अध्ययन करने वाले बच्चों से अत्यंत प्यार और लगाव रखती थीं।
आपको बता दें कि छात्राओं ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि जो हम गरिमा मैम जैसी शिक्षिका से पढ़े हैं। मैम का व्यवहार हमारे लिए अनुकरणीय है। विद्यालय के शिक्षकों के द्वारा बताया गया है कि विद्यालय में बहुत से शिक्षक आते हैं और चले जाते हैं लेकिन बच्चों के दिलों में जगह हर कोई नहीं बना पाता है।
इसी वजह से शुक्रवार को महिला शिक्षिका को विदाई कार्यक्रम के दौरान सभी बच्चे बहुत दुखी हो गए। शिक्षिका गरिमा को नम आंखों से विदाई दी। वहीं ग्रामीणों का ऐसा बताना है कि महिला शिक्षिका का विद्यालय में अब तक का कार्यकाल बहुत ही सराहनीय रहा। बता दें सभी ने शिक्षिका गरिमा के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें विदाई दी।