आईएएस या फिर आईपीएस अधिकारी बनना कोई बच्चों का खेल नहीं है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा को पास करने के लिए दिन-रात संघर्ष करना पड़ता है। हर साल लाखों उम्मीदवार इस एग्जाम की तैयारी करते हैं परंतु उनमें से कुछ एक ही होते हैं, जो सिविल सेवा परीक्षा को पास कर आईएएस, आईपीएस अधिकारी बन पाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर इरादों में दम हो तो मंजिल खुद ब खुद झुक जाती है। आज हम आपको इस लेख के जरिए आईएएस पुष्पलता यादव की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं। जिन्होंने शादी के बाद 2017 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा ऑल इंडिया 80वीं रैंक के साथ पास की थी।
वैसे देखा जाए तो अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने सपने को साकार कर आईएएस बनना सबके बस की बात नहीं है। शादी के बाद ज्यादातर लड़कियों की जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है। ज्यादातर लड़कियां ऐसी होती हैं, जो अपना करियर छोड़कर पारिवारिक जिम्मेदारियों के बोझ तले दब जाती हैं।
लेकिन शादी के बाद अगर पति और ससुराल का सहयोग मिल जाए तो लड़कियां शादी के बाद भी कामयाबी का परचम लहरा सकती हैं। पुष्पलता की शादी हुई और वह एक बच्चे की मां बनी। इसके बाद पति के सपोर्ट से उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा दी और 80वीं रैंक लाकर इतिहास रच दिया।
आईएएस पुष्पलता यादव हरियाणा के रेवाड़ी जिले के एक छोटे गांव खुसबुरा की रहने वाली हैं। उनका जन्म भी यहीं पर हुआ था। गांव से ही उनकी शुरुआती शिक्षा हुई। इसके बाद साल 2016 में बीएससी किया। इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन और एमबीए की। इसके बाद उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की, ताकि वह अपना खर्च उठा सके।
2 साल तक नौकरी के साथ-साथ वह सरकारी नौकरी की तैयारी भी करती रहीं। फिर उन्हें दो साल बाद स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद में असिस्टेंट मैनेजर पद पर नौकरी मिली। यह नौकरी मिलने के 2 साल बाद 2011 में पुष्पलता की शादी हो गई और वह हरियाणा के मानेसर में आकर रहने लगीं। शादी के 4 साल के बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने का मन बना लिया। उन्होंने बैंक ऑफ हैदराबाद से साल 2015 में इस्तीफा दे दिया और परीक्षा की तैयारी में जुट गईं।
पुष्पलता के लिए अपने सपने को साकार करना इतना आसान नहीं था, क्योंकि अब उनके सामने 2 साल के बच्चे की जिम्मेदारी भी थी। पुष्पलता ने एक इंटरव्यू के दौरान यह बताया था कि उन्होंने 5 साल से किताब को हाथ तक नहीं लगाया था। लेकिन उनके पति ने तैयारी के लिए प्रोत्साहित किया। पति और ससुराल के अन्य लोगों ने पुष्पलता का पूरा साथ दिया।
पुष्पलता जब परीक्षा की तैयारी कर रही थीं तो उनके पति बेटे को संभाला करते थे और पुष्पलता सिर्फ पढ़ाई पर ही ध्यान दिया करती थीं। वह सुबह 4:00 बजे सोकर उठ जाती थीं। इसके बाद 6:00 से 7:00 बजे तक पढ़ाई करती थीं और फिर बच्चे को स्कूल भेजकर दोबारा से पढ़ाई करने के लिए बैठ जाती थीं।
पुष्पलता को तीसरे प्रयास में यूपीएससी में सफलता मिली। पहले दो प्रयास में उनका मेंस में नहीं हो पाया था। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करती रहीं। आखिरकार उनको अपनी मेहनत का फल मिल ही गया। उन्हें साल 2017 में यूपीएससी में 80वीं रैंक मिली।