घर के काम के साथ 2 साल के बच्चे की मां ने कड़ी मेहनत से पास की UPSC परीक्षा, 80वीं रैंक हासिल कर बनी IAS अधिकारी
जैसा कि हम सभी लोग यह बात जानते हैं कि एक महिला के लिए शादी के बाद अपनी पढ़ाई जारी रखना बहुत मुश्किल हो जाता है। ज्यादातर महिलाएं शादी और बच्चों के बाद अपनी पढ़ाई तथा नौकरी छोड़ देती हैं। लेकिन आज हम आपको हरियाणा की रहने वाली पुष्पलता के बारे में बताने जा रहे हैं, जो उन लोगों के लिए एक उदाहरण हैं जो शादी और बच्चों की जिम्मेदारी के बाद पढ़ाई करना छोड़ देती हैं।
पुष्पलता ने ना सिर्फ पढ़ाई जारी रखी बल्कि कभी भी इन चीजों को अपनी तैयारी के बीच नहीं आने दिया। पुष्पलता ने साल 2017 में अपनी कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी परीक्षा पास की और 80वीं रैंक के साथ टॉपर्स की लिस्ट में जगह बनाई। पुष्पलता ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने इस संघर्ष और सफर के बारे में बात की। तो चलिए जानते हैं पुष्पलता के सफर के बारे में…
दोबारा पढ़ाई शुरू करना नहीं था आसान
पुष्पलता का ऐसा मानना है कि पढ़ाई छूटने के बाद फिर से दोबारा शुरुआत करना इतना आसान नहीं होता। पुष्पलता ने हरियाणा के रेवाड़ी जिले के एक छोटे से गांव खुशबुरा से अपनी शुरुआती शिक्षा प्राप्त की, क्योंकि उनके अपने गांव में पढ़ाई के लिए स्कूल का ऑप्शन नहीं था। वह अपनी पढ़ाई के लिए अपने अंकल के घर पर रहती थीं।
पुष्पलता ने साल 2006 में बीएससी की और इसके बाद मास्टर्स पूरा किया। फिर उन्होंने एमबीए किया और एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी शुरू कर दी। इसी दौरान उनकी शादी हो गई और उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया। हालांकि, उन्होंने इन सब के बीच भी बैंक में अपनी नौकरी जारी रखी। लेकिन इस नौकरी में उनका मन नहीं लगता था। वह कुछ बड़ा करना चाहती थीं। ऐसे में उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी की प्लानिंग की।
इस समय करती थीं पढ़ाई
ऐसे में वह अपना घर और तैयारी कैसे संभालेंगी? इस पर पुष्पलता कहती हैं कि अपने बेटे को स्कूल के लिए तैयार करने का समय होने से पहले वह सुबह कुछ घंटे पढ़ती थीं। जब उनका बेटा चला जाता था तो वह कुछ और घंटो तक पढ़ाई करती थीं। जब उनका बेटा स्कूल से लौटता था तो गर्वित के पास जातीं और शाम को पढ़ाई शुरु कर देती। बता दें कि पुष्पलता ने 2011 में शादी की थी और मानेसर चली गई थीं। कुछ साल बाद यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने के बारे में सोचा। जब तैयारी शुरू की, तो नहीं पता था कि एक आईएएस अफसर क्या कर सकता है और इस पद के साथ क्या पावर आती है।
पति ने बढ़ाया हौसला
जब पुष्पलता सिविल सर्विसेज की तैयारी को लेकर काफी कंफ्यूज हो गई थीं, तो ऐसे में उनके डॉक्टर पति ने उनका हौसला बढ़ाया। पुष्पलता के डॉक्टर पति उनके लिए मोटिवेशन थे। वह कहती है कि उन्होंने हमेशा मेरा सपोर्ट किया और मुझे चैलेंज के लिए मोटिवेट किया। यह वास्तव में एक चुनौती थी क्योंकि जब मैंने तैयारी शुरू की थी तब लगभग 5 साल तक मैंने किसी किताब को छुआ तक नहीं था। जब पुष्पलता ने अपना सफर शुरू किया तब उसका बेटा गर्वित 2 साल का था।
पुष्पलता कहती है कि “मैं यह नहीं कह सकती कि यह मुश्किल नहीं था। मेरे पति और ससुराल वालों के आसपास होने से क्या मदद मिली। उन्होंने पूरी तरह से संभाल लिया और यह सुनिश्चित किया कि मेरे पास हमेशा पढ़ाई करने का समय हो।” वह कहती हैं कि उनका बेटा भी बहुत समझदार रहा है। एक किस्सा सुनाते हुए वह कहती हैं कि “एक समय था जब मैं पढ़ती थी तो वह बस आकर मेरी गोद में बैठ जाते थे। वास्तव में वह मुझे पढ़ाई जारी रखने के लिए कहता था और इसलिए नहीं रुकती थी, क्योंकि वह वहां था।”
जब ट्रेनिंग के लिए पुष्पलता मसूरी गईं, तो उस दौरान ऐसे पल आते थे, जब उन्हें गर्वित और पति की याद बहुत सताती थी। वह कहती हैं कि “यह विशेष रूप से कठिन होता है। जब दूसरे ट्रेनी से उनके बच्चे मिलने आते हैं। मैं उनके साथ फिर से रहने से पहले दिन गिनती रहती थी।”