बचपन में गोबर उठाने वाले इस लड़के ने 8 महीने में खड़ी कर ली 8 करोड़ की कंपनी, अपनाया ये तरीका
आज के जमाने में नामुमकिन और असंभव जैसे शब्द शायद ही अब काम करेंगे जी हां ऐसे शब्दों को सुनने से तो यही लगता है कि एक जमाना था जब ये सारी बातें लोग करते थें लेकिन आज के जमाने में जैसा कुछ सुनने और देखने को आए दिन मिल रहा है उससे तो साफ साफ यही समझ आता है कि आज के समय में कोई भी व्यक्ति कुछ भी कर सकता है जिसके लिए अगर जरूरत है तो बस कड़ी मेहनत और लगन की जी हां अगर इंसान सच्चे मन से मेहनत करें तो वो हर कुछ पा सकता है। लेकिन हां ये बात भी सच है कि सफलता उन्हीं को मिलती है जो हर परिस्थति का सामना करना जानता हैं।
आज हम आपको एक ऐसे ही लड़के की कहानी बताने जा रहे हैं जो कि बेहद ही चर्चे में हैं। बता दें कि एक आम लड़का जिसका बचपन बेहद ही गरीबी में गुजरा और उसने जिंदगी की सारी चुनौतियों को हराते हुए अपने मंजिल की ओर ध्यान लगाया और फिर करीब 8 महीने में ही 8 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी और अपने सफलता के झंडे गाड़ दिए। जी हां ये सुनकर आपको बहुत हैरानी हो रही होगी कि कोई इतने कम समय में ऐसा कैसे कर सकता हे तो आपको बता दे कि ऐसा हुआ है और साथ ही आपको ये भी बता दें कि इनका नाम है कैलेप्सो के ब्यूटी स्टार्टअप की स्थापना करने वाले गौरव राणा की।
जी हां आपको बता दें कि हरियाणा के छोटे से गांव में जन्में इस लड़के ने कैलेप्सो नाम से ब्यूटी स्टार्टअप की स्थापना की और इसके साथ ही आपको ये भी बता दें कि ये बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं फिर भी इन्होंने अपने घर की दयनीय स्थिति होते हुए और पिता की लम्बी बीमारी के वजह से वो बेहद परेशान रहते थें । गौरव बताते हैं कि उनके दादाजी किराने की एक छोटी सी दुकान चलाते थे जो कि पूरे परिवार के पालन पोषण का जरिया थी।
उस छोटे से दुकान से उनके पूरे परिवार का जीवन बसर होता था। वहीं उनके गांव में स्कूल ना होने के कारण गौरव को पास के गांव में पढऩे के लिए जाना पड़ता था। और तो और किसी भी तरह से जैसे तैसे करके गौरव ने अपनी पढ़ाई विपरीत परिस्थतियों में भी पूरी की और फिर आगे की पढ़ाई करने के लिए शहर गये।
गौरव ने बताया कि अगर कोई भी व्यक्ति आगे बढ़ना चाहता है तो सबसे पहले जरूरी ये है कि उसके इरादे मजबूत होने चाहिए फिर क्या है फिर तो पूरी कायनात उसे सफल बनाने में मदद करती है। उनके साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। अपनी मेहनत के बल पर गौरव ने 2011 में सफलतापूर्वक ऑटामोबाईल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और नौकरी की तलाश में जुट गए।