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16 की उम्र में गंवा दिया एक पैर, नकली पैर के सहारे बनाई पहचान, सुधा चंद्रन की कहानी सुन आप भी करेंगे जज्बे को सलाम

सुधा चंद्रन (Sudha Chandran) मनोरंजन की दुनिया की बेहद मशहूर और टैलेंटेड अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया है। सुधा चंद्रन पर्दे पर अपने नेगेटिव रोल के लिए भी काफी मशहूर हैं। मौजूदा समय में भी सुधा चंद्रन किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपने खुद के दम पर इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बनाई है लेकिन सुधा चंद्रन ने अपने जीवन में जो मुकाम हासिल किया है इसको पाना उनके लिए बिल्कुल आसान नहीं था।

एक बेहतरीन और सफल भरतनाट्यम डांसर सुधा चंद्रन ने अपने जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव का सामना किया है। सुधा चंद्रन की कहानी कुछ ऐसी है कि जिसे आप सुनेंगे तो उनके जज्बे को सलाम किए बिना नहीं रह पाएंगे। बचपन से ही सुधा चंद्रन एक्ट्रेस बनने का सपना देखा करती थीं। वह बेहतरीन भरतनाट्यम डांसर थीं परंतु 1981 में हुए हादसे ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह से तबाह कर दिया था।

एक हादसे ने सुधा चंद्रन की पूरी जिंदगी कर दी तबाह

आपको बता दें कि जब सुधा चंद्रन की उम्र 3 साल की थी, तभी से उन्होंने डांस सीखना शुरू कर दिया था। एक बार सुधा चंद्रन ने कहा था कि वह डांस के बिना नहीं रह सकती हैं। जब सुधा चंद्रन की उम्र 16 वर्ष की थी तो उनका एक रोड एक्सीडेंट हो गया था। दरअसल, वह एक बस में सवार होकर कहीं जा रही थीं। लेकिन वह बस हादसे का शिकार हो गई थी। भले ही इस एक्सीडेंट में सुधा चंद्रन की जिंदगी बच गई परंतु इस एक्सीडेंट में उन्हें काफी गंभीर चोटें आई थी।

इस एक्सीडेंट में सुधा चंद्रन के पैर में काफी ज्यादा चोट आई, उनका पैर इतना प्रभावित हुआ कि उन्हें गैंगरीन हो गया। इसी कारण से डॉक्टर के पास सुधा चंद्रन का एक पैर काटने के अलावा कोई और दूसरा विकल्प नहीं था। ना चाहते हुए भी सुधा चंद्रन का एक पैर काटना पड़ गया, जिसकी वजह से अभिनेत्री की पूरी जिंदगी बर्बादी की कगार पर पहुंच गई थी, क्योंकि एक पैर ना होने के कारण सुधा चंद्रन दोबारा कभी डांस नहीं कर पातीं।

नकली पैर के सहारे डांस करना किया शुरू

जब सुधा चंद्रन के साथ दुर्घटना हुई थी तब उन्हें ऐसा लगने लगा कि वह जिंदगी भर डांस नहीं कर पाएंगी, परंतु इसके बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। सुधा चंद्रन को आर्टिफिशियल पैर मिला और फिजियोथैरेपी की सहायता से करीब 3 साल में वह नकली पैर पर चलना सीख गईं। सुधा चंद्रन ने नकली पैर के सहारे डांस करना शुरू किया। इसी नकली पैर के साथ उन्होंने देश-विदेश में कई बेहतरीन परफॉर्मेंस देकर अपनी पहचान बनाई। सुधा चंद्रन के जुनून और जज्बे से प्रेरित होकर उनकी जिंदगी पर एक फिल्म “मयूरी (1984)” बनाई गई। इसे पहले तमिल भाषा में बनाया गया था लेकिन बाद में इसे नाचे मयूरी के नाम से हिंदी में भी बना दिया गया।

आपको बता दें कि कई फिल्मों में अभिनय करने के बाद 90 के दशक में सुधा चंद्रन ने छोटे पर्दे का रुख किया और वह अब तक बहूरानियां, चंद्रकांता, कभी इधर कभी उधर, अंतराल, कहीं किसी रोज, क्योंकि सास भी कभी बहू थी और नागिन जैसे शोज में नजर आ चुकी हैं। मौजूदा समय में सुधा चंद्रन की गिनती हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस में की जाती है। वह प्रति एपिसोड के लिए लाखों रुपए चार्ज करती हैं।

 

 

 

 

 

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