अगर बेटी की उम्र है 10 साल से कम तो तो जरूर खुलवाएं ये खाता, मिलेंगे बड़े लाभ
बेटियों के जन्म पर कई माता पिता उनकी शिक्षा और उनके शादी को लेकर चिंतित होने लगते हैं पर हम आपको बता दें के मोदी सरकार नें अब ऐसे माता पिता को अपनी सुकन्या समृद्धि योजना के तहत काफी राहत पहुंचाई है| यह एक निवेश की योजना जैसी ही है पर इसकी खासियत यह है के इसमें आपको ब्याज की दरें काफी अधिक मिलती हैं और साथ ही आयकर विभाग से भी इसमें छूट दी जाती है|
250 रुपये की राशि से खुलवा सकते हैं खाता
आपको इस योजना के तहत खता बनवाने के लिए महज़ 250 रुपयों की जरूरत पडती हैं और इसके बाद आप साल के लगभग 1.5 लाख रूपए प्राप्त कर सकते हैं| और इसके बाद 21 सालों की अवधि के बाद आपको तकरीबन 68 लाख रूपए का रिटर्न मिलेगा|
कहां खुलेगा सुकन्या समृद्धि योजना का खाता?
आपको सुकन्या समृद्धि योजना का खाता बनवाने के लिए बस किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाना है और साथ ही अब कई प्राइवेट बैंक्स में भी इस योजना के तहत खाते बन सकते हैं|
किसे मिलेगा फायदा
कोई भी अभिभावक अपनी अधिक से अधिक दो बेटियों का ही नामांकन इस योजना के तहत करा सकते हैं| और हर एक बच्ची के लिए अभिभावक एक ही खाता खोल सकते हैं|
कितनी अवधि है?
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता बनवाने के लिए बच्ची की उम्र अधिकतम 10 साल तक ही रखी गयी है| और इसके बाद 14 सालों तक खाते में रकम जमा करनी होती है और 21 की उम्र में यह मेच्योर होती है| अभी इस योजना में 7.6% का सालाना ब्याज निर्धारित किया गया है|
क्या-क्या देने होंगे दस्तावेज?
बेटी के बर्थ सर्टिफिकेट के साथ अभिभावक को एक फॉर्म भरकर उसे पोस्ट ऑफिस या बैंक में जमा कराना है| साथ ही माता पिता के पहचान पत्र भी जमा कराने पड़ेंगे जिसमे उनका पैन कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट जमा हो सकता है| साथ में इन्हें निवास के प्रमाण के रूप में भी कुछ दस्तावेज देने पड़ेंगे जैसे बिजली बिल, टेलीफोन बिल, पानी का बिल|
निवेश के फायदे
इस योजना में निवेश करने आयकर अधिनियम की धारा 80C के अनुसार टैक्स में कटौती का लाभ लिया जा सकता है| साथ ही इसमें अन्य योजनाओं से काफी अधिक ब्याज भी मिलता है जिससे बेटी की शिक्षा और शादी विवाह का भी प्रबंध करने में सहायता मिलती है| और तो और मेच्योरिटी की रकम पर भी टैक्स नही लगता|
कब मेच्योर होती है सुकन्या समृद्धि स्कीम?
आमूमन इस योजना के तहत मेच्योरिटी की तिथि लगभग 21 साल रखी गयी है| हालाँकि अगर अभिभावक चाहने हैं या उन्हें जरूरत महसूस होती है तो बेटी की शादी या शिक्षा के लिए इस योजना से वो अपनी 50 फीसदी तक की रकम की निकासी कर सकते है|
साल 2015 में योजना की शुरुआत
अगर इस योजना की बात करें तो वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार द्वारा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत इसकी शुरुआत की गयी थी| और यह अन्य निवेश की योजनाओं की तरह ही एक योजना है पर इसमें कई ख़ास लाभ है और इसकी खासियत है के सिर्फ बेटियाँ ही इससे लाभ प्राप्त कर सकती हैं|