प्यार को पाने के लिए सुनील शेट्टी को 9 साल तक बेलने पड़े थे पापड़, इस वजह से नहीं मानते थे उनके ससुर
मुंबई: कोरोना काल और लॉकडाउन के बीच सभी बॉलीवुड सितारे अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं. वहीँ सुनील शेट्टी ने हाल ही में अपनी एक पुरानी यादगार तस्वीर को सोशल मीडिया पर फैन्स के साथ साझा किया है. इस तस्वीर में वह पत्नी माना कादरी शेट्टी, बेटी आठिया और बेटे आहान के साथ नज़र आ रहे हैं. हालाँकि इन दोनों की शादी को पूरे 29 वर्ष बीत चुके हैं. लेकिन आज भी इनका प्यार बिलकुल भी फीका नहीं पड़ा है. दोनों की शादी साल 1991 में हुई थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सुनील शेट्टी को माना से शादी करने के लिए 9 साल तक कईं प्रकार के पापड़ बेलने पड़े थे? जी हाँ, उन्हें अपने होनेवाले ससुर को शादी के लिए राज़ी करने में काफी समय लग गया था. आईये जानते हैं सुनील शेट्टी ने आखिर कैसे अपने ससुर को मना कर अपने प्यार से शादी रचाई.
पहली नज़र में हुआ था प्यार
सुनील शेट्टी और माना का प्यार पहली नज़र का प्यार है. माना को राज़ी करने के लिए उन्होंने अपनी बहन की मदद ली थी जोकि माना की काफी अच्छी दोस्त भी थी. वह दोनों को एक राइड पर ले गए थे और वहीँ पर उन्होंने अपनी फीलिंग्स के बारे में माना को सचाई बताई थी. माना तो मान गई लेकिन फिर भी इनके प्यार की कहानी इतनी आसान नहीं थी. दरअसल, माना हाफ पंजाबी और हाफ मुस्लिम थी. वहीँ सुनील शेट्टी तेलुगु थे. ऐसे में अपने होनेवाले ससुर को मनाने के लिए सुनील को 9 साल का समय लग गया था. दोनों परिवार की यह सोच थी कि यह शादी लंबी नहीं चलेगी लेकिन आख़िरकार प्यार के सामने उन्हें झुकना ही पड़ा. आज यह कपल एक हैपिली मैरिड लाइफ जी रहा है.
शादी के बाद फिल्मों में रखा था कदम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुनील शेट्टी ने शादी के एक साल बाद यानि साल 1992 में बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा था. उनकी पहली फिल्म ‘बलवान’ थी. इस फिल्म के बाद उन्होंने कभी पीछे मुद कर नहीं देखा. इस कपल के अब दो बच्चे अतिया और आहान शेट्टी अब बड़े हो चुके हैं. आठिया ने सलमान खान के निर्देशन तले बनी फिल्म से बॉलीवुड में एंट्री की थी. तो वहीँ अब आहान भी अपने फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू को लेकर तैयार हैं.
मल्टी टैलेंटेड हैं एक्टर सुनील
बता दें कि सुनील शेट्टी की पत्नी माना मुंबई में अपना इंटीरियर डिजाइनिंग का शोरूम चलाती हैं. तो वहीँ सुनील शेट्टी एक्टर होने के साथ साथ एक सफल बिजनेसमैन भी हैं. वह बहुत अच्छे क्रिकेट प्लेयर और किक बॉक्सिंग प्लेयर हैं. उन्होंने फ़िल्मी करियर में ‘वक्त हमारा है’ (1993), ‘दिलवाले’ (1994), ‘मोहरा’ (1994), ‘गद्दार’ (1995), ‘सपूत’ (1996), ‘हेरी फेरी’ (2000), ‘रिफ्यूजी’ (2000) ‘धड़कन’ (2000), ‘ब्लैकमेल’ (2005) आदि जैसी बड़ी फिल्मों में काम किया है.