देश में लंबे समय से किसानों का आंदोलन चल रहा है. अपनी मांगो को लेकर किसान आंदोलन पर बैठे हैं और अब तक इस आंदोलन में कई मोड़ भक्ति देखने को मिल चुके हैं. बता दें कि अब महात्मा गांधी की पोती जिनका नाम तारा गांधी भट्टाचार्य है केंद्र के इन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच चुकी हैं. दरअसल राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की अध्यक्ष तारा (84) ने प्रदर्शनकारी किसानों से विरोध-प्रदर्शन के दौरान शांति बनाए रखने की अपील भी कर दी है. साथ ही उन्होंने सरकार से कृषि समुदाय की सुध बुध लेने का भी अनुरोध कर दिया है . साथ ही उन्होंने बिना किसी का नाम लिए यह भी कहा है कि इतना अनपढ़ व्यक्ति कभी नहीं आया होगा. गांधी जी के साथ मेरा 14 साल का अनुभव रहा है. उन्होंने कहा कि मैं सच्चाई के साथ रहती हूं और हमेशा इसके साथ डटी रहूंगी.
बता दें कि उनके साथ गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष रामचंद्र राही, ऑल इंडिया सर्व सेवा संघ के प्रबंध न्यासी अशोक सरन, गांधी स्मारक निधि के निदेशक संजय सिंह और राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक ए अन्नामलाई भी मौजूद थे. वहीं दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे बीकेयू के बयान के अनुसार तारा गांधी भट्टाचार्य ने कहा है कि, ‘‘हम यहां किसी राजनीतिक कार्यक्रम के लिए नहीं आए हुए हैं. हम आज यहां किसानों के लिए आए हुए हैं , जिन्होंने हम सभी को हमारे पूरे जीवन में अन्न प्रदान किया है.’’
और उन्होंने प्रदर्शनकारियों से यह भी कहा कि, ‘‘हम आप सभी के चलते ही जीवित रहते हैं. किसानों की भलाई में ही देश की और हम सब की भलाई छिपी हुई है.’’ जाहिर सी बात है कि पिछले साल नवंबर से ही काफी संख्या में किसान दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर डेरा डाल कर बैठे हुए हैं. मालूम हो कि आंदोलनकारी किसान केंद्र के नए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला एक नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं. जिसके लिए वह आंदोलनरत हैं.
आपको बता दें कि भट्टाचार्य ने अंग्रेजो के शासन से आजादी के लिए 1857 में हुए पहले स्वतंत्रा संग्राम को याद करते हुए यह कहा कि वह भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ से ही शुरू हुआ. और बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक द्वारा जारी एक बयान के अनुसार महात्मा गांधी की पोती ने कहा है कि वह प्रदर्शन स्थल पर किसानों के लिए प्रार्थना करने आ गई हैं. आगे उन्होंने कहा है कि, ‘‘मैं चाहती हूं कि जो कुछ हो रहा हो, उसका फायदा किसानों को मिल जाना चाहिए. किसानों की कड़ी मेहनत से कोई भी व्यक्ति अनजान नहीं रह सकता है.”