साइकिल रिपेयरिंग करने वाले की बेटी से शादी करने ऑस्ट्रेलिया से आया दूल्हा, बारात निकली तो देखते रह गए लोग
कहते हैं कि जब किसी को प्यार हो जाता है, तो वह अपने प्यार को पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है. कहते हैं प्यार जाति, धर्म, ऊंच-नीच, देश, संस्कृति नहीं देखता। अक्सर हम सभी लोगों ने कई तरह की प्रेम कहानियां पढ़ी होंगी, जो इस बात को बताती हैं कि मौजूदा समय में भी जीवन में सच्चा प्यार मौजूद है। कहा जाता है कि प्यार किसे कहां हो जाए इसके बारे में बता पाना मुश्किल है। जब प्यार शादी में बदल जाए, तो फिर जिंदगी हसीन हो जाती है।
प्यार अगर सच्चा हो तो दूरियां कम हो जाती है, प्यार की एक ऐसी ही सच्ची दास्तां मध्य प्रदेश के धार जिले के मनावर में देखने को मिली है, जहां पर दो प्यार करने वाले लोगों ने मिलो के फासलों को कम कर एक दूसरे के साथ रहने की कसमें खाई हैं। जी हां, मनावर में हुई यह शादी खूब सुर्खियों का विषय बनी हुई है। करीब 10 हजार किलोमीटर दूर ऑस्ट्रेलिया से एक युवक यहां की लड़की से शादी करने आया है। दोनों की शादी भारतीय रीति-रिवाज के अनुसार संपन्न हुई।
शादी करने ऑस्ट्रेलिया से आया दूल्हा
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के मनावर की रहने वाली तबस्सुम हुसैन ने 18 दिसंबर को आस्ट्रेलिया के ऐश हॉन्सचाईल्ड से निकाह किया। लोगों की बारात जहां कुछ किलोमीटर का फासला तय कर आती है, तो वहीं तबस्सुम हुसैन की बारात पूरे 10 हजार किलोमीटर का सफर तय कर ऑस्ट्रेलिया से भारत पहुंची थी। दोनों की शादी भारतीय रीति-रिवाज के अनुसार हुई। तबस्सुम हुसैन के भाई रेहन हुसैन के द्वारा ऐसा बताया गया कि ऐश हॉन्सचाईल्ड ने 2 अगस्त 2022 को तबस्सुम हुसैन के साथ विदेश में कोर्ट मैरिज की थी। इसके बाद ऐश हॉन्सचाईल्ड हमारे परिवार से मिलने के लिए भारत आए थे।
बता दें कि तबस्सुम हुसैन के परिवार में माता-पिता, तीन बहन और दो भाई हैं। इसमें से दो बहनों की शादी हो चुकी है। वहीं ऐश हॉन्सचाईल्ड के परिवार में उनकी मां जेनिफर पैरी हैं। ऐश हॉन्सचाईल्ड अपनी मां जेनिफर पैरी के साथ मनावर आए थे। इस दौरान वह भारत की संस्कृति, खानपान और मेजबानी से काफी प्रभावित हुए। बाद में उन्होंने यहां पूरे रीति-रिवाज से शादी करने का फैसला लिया।
विदेशी दूल्हे को भाया पोहा-जलेबी
ऑस्ट्रेलिया से मनावर पहुंचे ऐश को निमाड़ का खाना बहुत पसंद आया। उन्होंने कहा कि मुझे पोहा-जलेबी और दाल-बाफले बहुत अच्छे लगे। भारत में खाने का स्वाद काफी अच्छा है। बाकी भोजन का भी स्वाद लेंगे। ऐश कई देशों की सैर कर चुके हैं। उनकी भारत की यह दूसरी यात्रा है। ऐश ने यह कहा कि भारत सबसे जिंदादिल, रंग भरा और सबसे खूबसूरत देश है और मनावर को सबसे ज्यादा स्वागत और प्यार करने वाला शहर बताया है।
साइकिल रिपेयरिंग करते हैं तबस्सुम के पिता
मनावर की पटेल कॉलोनी में रहने वाली तबस्सुम के पिता का नाम सादिक हुसैन है, जिनकी बस स्टैंड पर छोटी सी साइकिल सुधारने की दुकान है। उन्हें 2016 में मप्र सरकार से तबस्सुम को उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए 45 लाख रुपए की स्कॉलरशिप मिली थी। इसके साल भर बाद 2017 में तबस्सुम पढ़ाई करने के लिए आस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन चली गई थी। यहां पर साल 2020 में जर्मनी की एक कंपनी से उसे स्कॉलरशिप के रूप में करीब 74 लाख रुपए मिले थे। फिलहाल, तबस्सुम इसी कंपनी में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं।
तबस्सुम के द्वारा ऐसा बताया गया कि स्कॉलरशिप मिलने के बाद वह पढ़ाई करने के लिए ब्रिसबेन गई। ऐश और मैं दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे। ऐश सीनियर थे मैं उनकी जूनियर। पढ़ाई के दौरान दोनों में प्यार हो गया। तबस्सुम ने कहा कि उनकी मां जुलुखा को लगा था कि मैं शादी नहीं करूंगी। लेकिन जैसे ही उन्हें ऐश के बारे में पता चला तो वो खुश हो गईं। फिर धीरे-धीरे बात परिवार के अन्य सदस्यों तक पहुंची और हमने शादी कर ली।