निर्देशक विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म “द कश्मीर फाइल्स” कश्मीरी पंडितों के साथ हुई दर्दनाक घटनाओं और पलायन पर आधारित है। यह फिल्म जब से रिलीज हुई है तब से ही चर्चा का विषय बनी हुई है। दर्शकों को यह फिल्म बहुत पसंद आ रही है और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई करने में सफल हो रही है। इस फिल्म को देखने के बाद लोगों की उत्सुकता काफी बढ़ चुकी है।
लोग साल 1990 में कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए दर्दनाक हादसे और पलायन की सच्चाई को जान रहे हैं और इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की उत्सुकता लोगों में दिखाई दे रही है। “द कश्मीर फाइल्स” में हूबहू घटना को दर्शाया गया है, जिसको देखने के बाद फिल्म से जुड़े लोगों की आंखें नम हो गई। इस फिल्म में सभी कलाकारों ने अपना अपना किरदार बेहतरीन तरीके से निभाया है।
इस फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन रावल, पुनीत इस्सर, अतुल श्रीवास्तव जैसे कई दिग्गज कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया है। फिल्म में एक ऐसा ही किरदार है अभिनेत्री पल्लवी जोशी का। इस फिल्म में पल्लवी जोशी ने दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) प्रोफेसर राधिका मेनन की भूमिका में नजर आई हैं।
फिल्म में पल्लवी जोशी का किरदार जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को “कश्मीर की आजादी” के लिए भड़काता नजर आता है। इसके साथ ही फिल्म में यह भी दर्शाया गया है कि इस फिल्म में मुख्य भूमिका “कृष्णा पंडित” को ब्रेनवॉश करने में ब्रेनवॉश मेनन कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। वह उसका संपर्क आतंकी बिट्टा कराटे से कराती हैं, जो JKLF के प्रमुख फारूक अहमद डार पर आधारित है।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि फिल्म के किरदार राधिका मेनन असल जिंदगी में भी जेएनयू में पॉलिटिकल साइंस पढ़ाने वाले प्रोफेसर निवेदिता मेनन पर आधारित है। 2016 में निवेदिता के जेएनयू छात्रों के बीच दिए गए भाषण पर खासा विवाद हुआ था। उस भाषण को फिल्म में मुख्य रूप से दर्शाया गया है।
जानिए जेएनयू प्रोफेसर निवेदिता मैनन कौन हैं?
आपको बता दें कि JNU की वेबसाइट पर प्रोफेसर प्रोफेसर निवेदिता मेनन के बारे में बताया गया है। वह पॉलिटिकल थियरी, फेमिनिस्ट थियरी और इंडियन पॉलिटिक्स में स्पेशलाइजेशन रखती हैं। यूनिवर्सिटी के सेंटर कम्पैरेटिव पॉलिटिक्स एंड पॉलिटिकल थियरी में पढ़ाने वाली निवेदिता मेनन की एजुकेशन सेक्टर में अपनी पहचान है। 15 साल तक लेडी श्री राम कॉलेज में उन्होंने जेएनयू में आने से पहले पढ़ाया।
2016 का भाषण
आपको बता दें कि शुरुआत से ही प्रोफेसर निवेदिता के विचार काफी विवादित रह चुके हैं। उन पर हर बार भारत और हिंदू विरोधी विचार रखने का आरोप लगा है। साल 2016 में जेएनयू के अंदर काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिस दौरान निवेदिता ने राष्ट्रवादी सिद्धांतों और भारतीय संघ में कश्मीर के शामिल होने पर भाषण दिया। अपने भाषण में निवेदिता ने कहा कि “भारत ने कश्मीर पर अवैध कब्जा कर रखा है।” इतना ही नहीं बल्कि निवेदिता के इस भाषण को लेकर ABVP के एक नेता ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई।
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी फिल्म का किया था जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अभी हाल ही में मंगलवार को यह कहा था कि “द कश्मीर फाइल्स” जैसी और फिल्में बनाने की जरूरत है ताकि लोग सच्चाई जान सकें। उन्होंने इस फिल्म का जिक्र करते हुए बीजेपी संसदीय दल की मीटिंग में यह कहा कि जो लोग अभिव्यक्ति की आजादी के झंडे लेकर घूमते हैं वह पिछले पांच-छह दिनों से बौखला गए।
इसी बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर मामले की हकीकत सामने लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज से जांच करवानी चाहिए। आपको बता दें कि “द कश्मीर फाइल्स” फिल्म दर्शकों द्वारा खूब पसंद की जा रही है। इस फिल्म को कई राज्यों में टैक्स फ्री भी घोषित कर दिया गया है।