घर में भगवान की इन प्रतिमाओं को रखने की ना करें भूल अन्यथा लाभ की जगह होने लगेगा नुकसान

हमारा देश धार्मिक देशों में से एक माना जाता है। सभी धर्मो के लोग अपने अपने भगवान की रोजाना नियमित रूप से पूजा अर्चना करते हैं। अगर हम हिंदू धर्म की बात करें तो हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा होती है। हिंदू धर्म को मानने वाले लोग अपने घर के अंदर भगवान का एक स्थान जरूर बनाते हैं, जिसको घर का मंदिर कहा जाता है। घर के मंदिर में परिवार के सदस्य रोजाना सुबह-शाम भगवान की पूजा-आरती करते हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर घर के मंदिर में रोजाना नियमित रूप से पूजा की जाए तो इससे घर की परेशानियां दूर होती हैं और भगवान का आशीर्वाद परिवार के लोगों के ऊपर बना रहता है।

अगर घर में पूजाघर बनाया जाता है तो उसमें देवी-देवताओं की मूर्ति या तस्वीर लगायी जाती है और इन प्रतिमाओं और तस्वीरों की रोजाना पूजा अर्चना की जाती है परंतु ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ ऐसी मूर्तियां भी हैं जिनको हमारे घर में नहीं होना चाहिए और ना ही पूजा घर में इसको रखकर पूजा करनी चाहिए अन्यथा इसकी वजह से लाभ की जगह नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कुछ ऐसी मूर्तियों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिनको घर के अंदर नहीं रखना चाहिए।

नटराज की मूर्ति

नटराज की मूर्ति में भगवान शिव जी का रौद्र रूप नजर आता है। रौद्र का अर्थ होता है भगवान शिव जी का क्रोध भरा रूप। अगर आप अपने घर के अंदर भगवान शिव जी के क्रोधित रूप को रखते हैं तो इसकी वजह से घर परिवार की शांति भंग हो जाती है और घर में अशांति उत्पन्न होने लगती है। इतना ही नहीं बल्कि अगर नटराज की मूर्ति को रोजाना देखा जाए तो इसकी वजह से व्यक्ति का स्वभाव भी क्रोधित होने लगता है। व्यक्ति अधिक गुस्सा करने लगता है। इसलिए आप अपने घर के अंदर नटराज की मूर्ति ना रखें।

शनि महाराज

शास्त्रों के अनुसार शनि देव को क्रूर माना गया है। इसके अलावा शनि देवता को न्याय का देवता भी बताया जाता है। यह मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। शनि देव की मूर्ति या तस्वीर को कभी भी घर में नहीं रखना चाहिए अन्यथा इसके कारण जीवन में अशुभ फल मिलने लगते हैं। शनिदेव की पूजा हमेशा घर के बाहर मंदिर में करना चाहिए।

राहु-केतु

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु-केतु पापी ग्रह माने गए हैं। यह दोनों ही छाया ग्रह होते हैं। शास्त्रों में राहु-केतु को क्रूर माना गया है, इसलिए इनकी मूर्तियों को कभी भी घर में नहीं रखना चाहिए और ना ही पूजा करनी चाहिए। इन दोनों की मूर्ति को पूजा घर से बाहर ही रखना शुभ माना जाता है।

भैरव महाराज

भैरव महाराज भगवान शिव जी के अवतार हैं। शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि भैरव महाराज की मूर्ति को घर के अंदर नहीं रखना चाहिए, हमेशा भैरव की मूर्ति को घर के बाहर स्थापित करें। भैरव महाराज को तंत्र का देवता माना गया है इनकी पूजा भी तंत्र कर्म के लिए की जाती है इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि भैरव महाराज की मूर्ति को घर के अंदर नहीं बल्कि घर के बाहर स्थापित करें।