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वफादारी की अनोखी मिसाल: मालिक अस्पताल में ब्रेन सर्जरी के लिए था भर्ती, एक हफ्ते तक बाहर इंतज़ार करता रहा कुत्ता

कहते हैं कि कुत्तों से अधिक वफ़ादार जानवर शायद ही दूसरा कोई हो सकता है. एक कुत्ता जिससे एक बार खाना खा लेता है, तमाम उम्र उसका एहसानमंद हो कर रहता है. शायद यही कारण है जो अधिकतर लोग अपने घरों में कुत्ता पालना पसंद करते हैं. इनकी वफ़ादारी के किस्से काफी मशहूर रहे हैं. वहीँ हाल ही में एक ऐसा वाक्या सामने आया है, जिसे जान कर आपकी सोच भी कुत्तों के प्रति पॉजिटिव हो जाएगी. चलिए जानते हैं आखिर यह पूरा मामला क्या है:-

दरअसल, हाल ही में इस्तानबुल से एक अजब-गजब किस्सा देखने को मिला है जिसे जान कर शायद आप भी एक पल के लिए यकीन नहीं कर पाएंगे. यहाँ एक व्यक्ति के पास कुत्ता था. अचानक से मालिक को ब्रेन सर्जरी के लिए तुर्की के अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. लेकिन हैरानी की बात यह है कि जब मालिक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा था तो उसका कुत्ता वहीँ अस्पताल के बाहर खड़ा रहा और मालिक के घर वापिस लौटने का इंतजार करता रहा. वह कुत्ता तब तक वहां से नहीं गया जब तक उसका मालिक अस्पताल से वापिस घर नहीं आ गया. मालिक और कुत्ते की अनोखी प्रेम कहानी देख कर हर कोई हैरान है. इनकी फ़ोटोज़ इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी तेज़ी से वायरल हो रही हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस कुत्ते का नाम बोनकुक है. मिक्स-ब्रीड वाला यह छोटा कुत्ता अपने मालिक से काफी प्यार करता है. उसके प्यार को देख कर अस्पताल वालों ने उसे अपने 68 वर्षीय मालिक सेमल सेंतुर्क से मिलने की मंजूरी दे दी. रिपोर्ट्स की माने तो सेंतुर्क को 14 जनवरी को अस्पताल में ब्रेन सर्जरी के चलते लाया गया था. और फिर यहाँ ऑपरेशन के लिए उन्हें भर्ती भी कर लिया गया था. ऐसे में सेमल का कुत्ता मालिक के इंतज़ार में वहीँ पर खड़ा रहा.

खबरों की माने तो सेमल की तबियत अचानक खराब होने के कारण उसे ले जाने के लिए घर पर एम्बुलेंस आई थी. ऐसे में बेनकुक नामक कुत्ते ने मालिक की एम्बुलेंस का पीछा किया और अस्पताल के मुख्य द्वार तक पहुँच गया. अस्पताल प्रशासन के अनुसार वह कुत्ता नियमित रूप से वहां आने लग गया था. वह सुबह ही मालिक को देखने आ जाया करता था. उसको देख कर अस्पताल के कर्मचारी उसे कईं बार खाना खिला दिया करते थे. अस्पताल के संचार निदेशक (communications director) फूआट उगुर ने कहा कि कुत्ता किसी के लिए कोई खतरा नहीं है बल्कि वह अनोखे प्यार की मिसाल देता है. अस्पताल के सभी मरीज भी उस कुत्ते की वफादारी से काफी खुश हैं. बताया जाता है कि सेंतुर्क के बेटे ने बेनकुक को वापिस घर लेजाने का कईं बार प्रयास किया लेकिन वह हमेशा लौटकर अस्पताल आ जाया करता था.

जब सेंतुर्क को छुट्टी डी गई तो उनकी व्हीलचेयर के साथ बेनकुक ख़ुशी से भागने लगा और अपनी पूँछ लहराता रहा. वहीँ सेंतुर्क का कहना है कि बेनकुक उनके प्रति हमेशा से काफी वफ़ादार रहा है और उनके दिल के काफी करीब भी है.

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