इस कूड़े के ढेर में छिपा है 3300 करोड़ का ‘खज़ाना’, अब ढूँढने में जुटा एक IT इंजिनियर
सोशल मिडिया पर आए दिन अजीबो-गरीब खबरें वायरल होती रहती है.आज भी हम आपके लिए कुछ ऐसी ही खबर लेके आए है. दरअसल इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ख़बर जमकर वायरल हो रही हैं. आईटी के एक जेम्स हॉवेल्स नाम के इंजीनियर 10 साल बाद कूड़े में फेके गए अपने करोड़ों रुपए के 8000 बिटक्वाइन के खजाने को ढूंढने में लगे हुए है.ये बिटकॉइन जेम्स ने एक हार्डड्राइव में रखे थे. जिसको इन्होंने गलती से एक बार कूड़े में फेंक दिया था. लेकिन अब उनको अपने द्वारा कूड़े के ढेर में फेके गए इन बिटक्वाइन की कीमत पता चल चुकी है.
जानकारी के लिए बता दें कि अब जेम्स हॉवेल्स को उनके द्वारा फेंके गए इस खजाने की कीमत का पता चल गया है. इस समय उन बिटक्वाइन की कीमत में 1 बिटक्वाइन = 18,28,395 रूपए है. जब हॉवेल्स को इस बात का एहसास हुआ तो वह कूड़े के ढेर से उसे हार्ड ड्राइव को खोजने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने में जुट गया. आज के समय में उन बिटक्वाइन की कीमत 3291 करोड रुपए है. मिली जानकारी के मुताबिक हैवेल्स अपने उसे हार्ड ड्राइव को ढूंढने के लिए कड़ी कोशिश कर रहे हैं.
बताते चलें कि यह आईटी इंजीनियर पिछले कई सालों से कूड़े के ढेर से इस हार्ड ड्राइव को ढूंढने की कोशिशों में लगे हुए हैं. पूरे मामले पर जेम्स का कहना है कि अगर उसको यह हार्ड ड्राइव मिल गया तो वह इसका 10 फिसदी न्यूपोर्ट (वेल्स) में क्रिप्टो हब का निर्माण करने में खर्च करेंगे. न्यूपोर्ट काउंसलिंग का कहना है कि अगर लैंडफिल यानी कि कूड़ा फेकने वाली जगह के साथ कोई भी छेड़छाड़ की गई तो इसका पर्यावरण पर काफी बुरा असर पड़ेगा. जेम्स की मदद करने के लिए काउंसलिंग बिल्कुल भी तैयार दिखाई नहीं पड़ रही है.
जानाकारी के लिए आप सभी लोगों को बता दें कि जेम्स ने 2013 में अपनी यह हार्ड ड्राइव गलती से कूड़े के ढेर में फेंक दी थी. आईटी इंजीनियर को इस बात का भी पूरा विश्वास है कि उनके द्वारा फेंकी गई उनकी है हार्ड ड्राइव अभी भी उसी कूड़े के ढेर में मौजूद है. वह कई बार वहां खुदाई करने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन हर बार न्यूपोर्ट काउंसिल द्वारा जेम्स के इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है. इसके पीछे की वजह बताई है कि कूड़ा फेंकने वाली जगह पर खुदाई करने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच सकता है.
जेम्स को है पूरा विश्वास की कूड़े के ढेर में है खजाना
हालाकी जेम्स द्वार खुद यह बात स्वीकार कर ली गई है की लैंडफिल की खुदाई करना मुस्किल काम है. इस काम को करने के लिए उन्होंने फंडिंग और एक्सपर्ट पूरी व्यवस्था कर ली है और इसी के साथ जेम्स ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भी संपर्क किया है. पर्यावरण के बारे में हर तरह की जानकारी रखने वाली एक टीम भी बनाई है. आईटी इंजिनियर का दावा है अगर इतने सारे लोग एक साथ मिल कर काम करेगे तो हार्ड ड्राइव जरूर मिल जायेगी. लेकिन बात यह भी है को अगर यह हार्ड डिस्क न मिली तो क्या होगा? इसी के साथ जेम्स का कहना है अगर यह मिल गई तो वह कूड़ा फेंकने वाली जगह को क्रिप्टो हब बना देगा.