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ये है कलयुग की सावित्री! एक ऐसी पत्नी जो रोजाना पति के पैर धो कर पीती है चरणामृत

पति-पत्नी का रिश्ता सबसे पवित्र माना जाता है। पति-पत्नी एक दूसरे के सुख-दुख का साथी होते हैं। जीवन जीने के लिए पति-पत्नी का एक दूसरे का सहयोग बहुत ही आवश्यक है। बिना सहयोग के तरक्की की आशा करना भी नामुमकिन है। ऐसा कहा जाता है कि शादी के बाद महिला के लिए उसका पति ही सब कुछ होता है। महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। आप सभी लोगों ने सावित्री और सत्यवान की कहानी भी सुनी होगी परंतु समय के साथ साथ संस्कार बदलते जा रहे हैं।

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आगरा की एक महिला के बारे में बताने वाले हैं, जिसकी पतिव्रता धर्म की पुलिस ने भी सराहना की है। यह महिला कई सालों से अपने पति के सीधे पैर का अंगूठा धोकर उसे भगवान का चरणामृत समझकर पीती है। जी हां, आप लोग बिल्कुल सही सुन रहे हैं। यह महिला अपने पति के सीधे पैर का अंगूठा धोकर उसका चरणामृत समझकर पीती है। भले ही यह सुनने के बाद आपको थोड़ा अजीब लग रहा होगा परंतु यह बात सच है। चरणामृत पीने के बाद ही यह महिला अन्न और जल ग्रहण करती है।

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत साल में एक बार मनाया जाता है। इस व्रत में बिना अन्न व जल ग्रहण किए हैं व्रत रखा जाता है परंतु कालिंदी विहार निवासी राधिका ने शादी के बाद अपना पूरा जीवन अपने पति परमेश्वर को ही समर्पित कर दिया। राधिका की शादी 12 साल पहले हुई थी और यह रोजाना सुबह के समय उठकर सबसे पहले अपने पति के पैर का सीधा अंगूठा धोकर उसी पानी को पीती है। यह सिलसिला आज तक चलता आ रहा है।

मीडिया से बातचीत के दौरान राधिका ने यह बताया कि उनके पति की बुआ सुशीला चौहान चावली थाना एत्मादपुर क्षेत्र में रहती है। वह करीब 20 साल से अपने पति के अंगूठे को धोकर उसका पानी पीती आ रही है। उन्ही को देख कर उनको प्रेरणा मिली है। उसके बाद उन्होंने भी अपने पति के सीधे पैर को धोकर पानी पीने की परंपरा आरंभ कर दी थी।

राधिका ने यह बताया है कि करीब 6 वर्षों से वह पूजा कर रही हैं। अगर उनके पति कभी काम से बाहर जाते हैं तो वह ऐसे में उनके पैरों को गंगाजल से धोकर एक बोतल में भर लेती हैं। जब तक उनके पति वापस नहीं आ जाते तब तक वह सुबह उठते ही सबसे पहले उसी पानी को पीकर अपना व्रत खोलती हैं। उन्होंने बताया कि गंगाजल अधिक समय तक रखा जा सकता है और यह खराब नहीं होता है। इसी वजह से वह गंगाजल का इस्तेमाल करती हैं।

राधिका का ऐसा मानना है कि जिस प्रकार से भगवान सुख-दुख में हम सभी की रक्षा करते हैं। ठीक उसी प्रकार से शादी होने के पश्चात हमारा पति ही भगवान का रूप हो जाता है। हमारा पति ही सुख-दुख में हमारी रक्षा करता है और साथ देता है। पति भगवान बन कर हमारे जीवन के सभी कष्टों को दूर करता है। ऐसी स्थिति में हमारा भी कर्तव्य है कि सावित्री की तरह हमको भी पति की रक्षा के लिए यमराज से लड़ना पड़ता है।

आपको बता दें कि उनके पति भूरा तोमर की एलुमिनियम की एक दुकान है और उनकी इस दुकान में सुशील नाम का एक कारीगर काम किया करता था। 17 नवंबर को बदमाशों ने उसे गोली मार दी, जिसकी वजह से उसकी जान चली गई थी। इस घटना के बाद थाना एत्माद्दौला पर 14 दिन तक भूरा को पूछताछ के लिए रोक लिया गया था। जब भूरा ने पत्नी के द्वारा नियमित रूप से पूजा किये जाने की जिद की तो पुलिस ने पहले तो मजाक उड़ाया था परंतु जब पुलिस ने पत्नी के इस अटूट विश्वास और प्यार को देखा तो वह भी उसे नहीं रोक पाए। बाद में उसे हर दिन पत्नी का व्रत खुलवाने के लिए पुलिस की निगरानी में भेजा जाता था।

 

 

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