हर किसी के शरीर की संरचना अलग अलग होती है. किसी का मोटा शरीर होता है. किसी का पतला शरीर होता है. किसी का शरीर लंबा होता है कोई लंबाई में छोटा होता है. इसके अलावा मोटे तौर पर हर इंसान जैविक दृष्टि से महिला या फिर पुरुष की प्रजाति में होता है. हालाँकि इन दो प्रजाति के अलावा भी इंसानों की एक नई प्रजाति भी होती है जो किन्नर या फिर तीसरी श्रेणी कहलाते हैं. तीनों श्रेणियों की जैविक बनावट अलग होती है जिसके कारण इनमें जैविक रूप से अंतर होता है. आज हम किन्नर श्रेणी के बारे में कुछ खास जानकारी आपको बताने जा रहे हैं.
हालाँकि अक्सर किसी किन्नर को देख कर कुछ सवाल ऐसे हैं जो सभी लोगों के मन में आ जाते हैं. जैसे कि यह कैसे रहते हैं किस कारण से से ये ऐसे पैदा होते हैं और इनकी शारीरिक इच्छाएं कैसी होती हैं वहीं क्यों इनका जन्म किन्नर प्रजाति में ही हुआ है.. क्या ऐसा इनके मां-बाप में कमी के कारण हो जाता है? आमतौर पर हर त्योहार और जश्न के खास मौकों पर जिस प्रकार हर धर्म समुदाय के लोग आपस में मिलते है उस तरह किन्नर हर मौके पर नही आते है किन्नर सिर्फ खास मौकों पर ही आते जाते है.
आपको बता दें कि किन्नरों का समाज में रहन सहन जीने का तौर तरीके सब कुछ एकदम अलग रहते है. किन्नरों का जन्म आज भी समाज के बीच एक रहस्य बना पड़ा है, दरअसल उनके जन्म से इनकी पहचान जुड़ी होती है, लैंगिक रूप से नर और नारी के बीच किन्नर होते है. अगर देखा जाए तो शारीरिक रूप किन्नर नर होते है लेकिन कुछ स्त्री भी हो सकते है. लेकिन आज तक यह मालूम नहीं चल पाया है कि आखिरकार किन्नरों का जन्म क्यों होता है. कैसे होता है. वहीं अगर बात की जाए ज्योतिष शास्त्र और पुराणों की तो किन्नरों के जन्म को लेकर इन्होंने भी कई अलग-अलग दावे किए हुए हैं.
आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे राज बताए गए हैं जो यह बताते हैं कि एक किन्नर के किन्नर होने की वजह क्या होती है वहीं आपको ये भी बता दें कि व्यक्ति की कुंडली से हम ये भी बता सकते हैं कि उसमें कितनी प्रजनन क्षमता होगी. किसी व्यक्ति के नपुंसक होने का सबूत उसकी कुंडली भी दे सकती है. जिस तरह से ज्योतिष शास्त्र में जन्म पत्री के आठवें घर में शुक्र और शनि उपस्थित हों और इन्हें गुरू, चन्द्र नहीं देख पा रहे हों तो व्यक्ति नपुंसक हो सकता है उसी प्रकार ज्योतिष में ये भी बताया हुआ है कि आखिर क्यों और किस योग के बनने से किन्नर जन्म ले सकते हैं. हालाँकि अभी तक इसका रहस्य खुल कर सामने नहीं आया है.