नए कृषि कानून को लेकर लगातार किसान इसका विरोध कर रहे थे। किसान संगठनों की तरफ से विरोध कर इन कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही थी। इसी बीच एक बड़ी खबर निकल कर सामने आई है। जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया, जिसके लिए लंबे समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर जमकर विरोध कर रहे थे। राष्ट्र के नाम संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास मौके पर इन तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है।
सबसे पहले आपको बता दें कि इन तीनों नए कृषि कानून को 17 सितंबर 2020 को संसद में पास कराया गया था, जिसके बाद से ही लगातार इन कानूनों को वापस लेने की मांग किसान संगठनों की तरफ से की जा रही थी। किसान संगठनों का ऐसा तर्क था कि इस कानून के माध्यम से सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म कर देगी।
वहीं सरकार का ऐसा कहना था कि इन कानूनों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में नए निवेश का अवसर पैदा होगा और इससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी भी होगी। सरकार के साथ कई बार इस विषय को लेकर बातचीत हुई परंतु इस पर सहमति नहीं बनी। तब से ही लगातार दिल्ली की सीमाओं के आसपास इन कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन पर रहे।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। आज गुरु नानक देव का पवित्र पर्व है। यह समय किसी को दोष देने का समय नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी जी ने आंदोलन पर बैठे हुए लोगों को प्रकाश पर्व पर अपने घर वापस लौटने को भी कहा। प्रधानमंत्री मोदी जी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं भी दी हैं।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़े हुए मुद्दों पर एक समिति बनाने का ऐलान भी किया है। उन्होंने कहा कि 5 दशक के अपने सार्वजनिक जीवन में मैंने किसानों की मुश्किलों, चुनौतियों को बहुत करीब से अनुभव किया है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों को रेखांकित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कृषि बजट में 5 गुना बढ़ोतरी की जाने की बात कही है। वहीं उन्होंने कहा है कि हर वर्ष 1.25 लाख करोड रुपए से अधिक पैसा खर्च किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने नए कृषि कानून के फायदे को समझाने की पूरी कोशिश की परंतु उनको सफलता नहीं मिल पाई।
प्रधानमंत्री ने किसानों की समस्याओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैंने कितनी चुनौतियों को काफी करीब से देखा है। उन्होंने किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, यह बात भी कही। उन्होंने कहा कि 100 में से 80 किसान ऐसे हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर जमीन है। करीब 10 करोड़ से भी अधिक ऐसे किसानों की देश में संख्या है। यह जमीन का छोटा सा टुकड़ा ही उनकी पूरी जिंदगी का आधार है और इसी के सहारे वह अपना और अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह जमीन का टुकड़ा पीढ़ी दर पीढ़ी छोटा ही हो जा रहा है।